देश की खबरें | दिल्ली के पुलिसकर्मियों को 180 रुपये का मासिक साइकिल भत्ता, खर्च कहीं अधिक: अदालत को बताया गया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि शहर पुलिस के कॉन्स्टेबल एवं हेड कॉन्स्टेबल को साइकिल इस्तेमाल करने और उसके रखरखाव के लिए 180 रुपये का मासिक भत्ता मिलता है, जबकि परिवहन पर उनका इससे कहीं अधिक खर्च होता है क्योंकि वे मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते हैं।

नयी दिल्ली, 20 सितंबर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि शहर पुलिस के कॉन्स्टेबल एवं हेड कॉन्स्टेबल को साइकिल इस्तेमाल करने और उसके रखरखाव के लिए 180 रुपये का मासिक भत्ता मिलता है, जबकि परिवहन पर उनका इससे कहीं अधिक खर्च होता है क्योंकि वे मोटरसाइकिल का इस्तेमाल करते हैं।

पुलिस के वकील ने कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्टेबल के लिए साइकिल भत्ते को मंजूरी देने से जुड़े दस्तावेज में संशोधन के लिए समय मांगा।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने आदेश में बदलाव के लिए दिल्ली पुलिस को आठ सप्ताह का समय दिया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 24 जनवरी, 2023 की तिथि तय की।

मामले से जुड़ी एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि 53,000 से अधिक पुलिसकर्मी साइकिल का इस्तेमाल करने के नाम पर गलत तरह से भत्ता ले रहे हैं।

याचिका में इस संबंध में जांच का अनुरोध किया गया है कि पुलिस अधिकारी साइकिल का इस्तेमाल करने के नाम पर यात्रा भत्ते के साथ साइकिल (रखरखाव) भत्ते का दावा कर रहे हैं जबकि वे साइकिल का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पुलिस अधिकारी साइकिल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, लेकिन भत्ते का दावा कर रहे हैं। इस पर, मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप कार में घूम रहे हैं और यदि कोई पुलिस कॉन्स्टेबल साइकिल इस्तेमाल कर रहा है, तो आपको उससे समस्या है।’’

दिल्ली पुलिस के वकील ने यह साबित करने के लिए पीठ को कुछ दस्तावेज दिखाए कि कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल को 180 रुपये प्रति माह साइकिल भत्ता दिया जाता है, जबकि उनका खर्च इससे कहीं अधिक है, क्योंकि वे मोटरसाइकिल इस्तेमाल करते हैं।

वकील सनसेर पाल सिंह ने संबंधित जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि यदि कोई लोकसवेक किसी भत्ते का हकदार नहीं है, लेकिन वह उसे प्राप्त कर रहा है, तो यह एक तरह का भ्रष्टाचार है क्योंकि भुगतान करदाताओं की मेहनत की कमाई से किया जाता है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस के कर्मियों को साइकिल के रखरखाव भत्ते के नाम पर 180 रुपये दिए जाते हैं और इस मद के तहत हर साल लाखों रुपये का भुगतान किया जाता है।

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को इस याचिका पर जवाब देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था।

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