देश की खबरें | मोदी एक महिला के ट्वीट से दुखी हैं, लेकिन असम के बाढ़ पीड़ितों के लिए नहीं : प्रियंका गांधी

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जोरहाट (असम), 21 मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को आरोप लगाया कि वह 22 वर्षीय महिला के एक ट्वीट से दुखी हैं, लेकिन असम में आयी बाढ़ से तबाह हुए लोगों के लिए नहीं।

मोदी के असम के चाबुआ में एक चुनावी रैली में टूलकिट और कांग्रेस की कथित साजिश का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की बेटी ने कहा कि मोदी बाढ़ के दौरान लोगों की परेशानियों को लेकर और नागरिकता संशोधन कानून से ‘संस्कृति पर हमले’ को लेकर चुप थे।

पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के दौरान ब्रह्मपुत्र में आई बाढ़ से करीब 28 लाख लोग प्रभावित हुए थे।

प्रियंका ने कहा, ‘‘मैं कल प्रधानमंत्री का भाषण सुन रही थी। उन्होंने बहुत गंभीरता से कहा कि वह एक घटना से बहुत दुखी हैं। मुझे लगा वह असम के विकास के बारे में या असम में भाजपा ने कैसा काम किया इस बारे में बोलेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं यह सुनकर हैरान रह गई कि प्रधानमंत्री 22 वर्षीय महिला के एक ट्वीट के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने असम के चाय उद्योग को खत्म करने की साजिश रची। वह कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर दो गलत तस्वीरें गलती से डालने को लेकर भी दुखी थे।’’

प्रियंका जाहिर तौर पर जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के लिए ‘22 साल की महिला’ कह रही थीं। दिशा को किसानों के प्रदर्शन के संबंध में सोशल मीडिया पर एक ‘टूलकिट’ साझा करने में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह अब जमानत पर रिहा हैं।

प्रियंका ने मोदी से सवाल किया कि वह बाढ़ से प्रभावित लोगों और सीएए विरोधी आंदोलन के लिए दुखी क्यों नहीं हैं, जिसमें पांच युवक मारे गए थे।

कांग्रेस नेता ने मोदी से सवाल किया, ‘‘आप तब असम क्यों नहीं आए जब लोग डूब रहे थे? आप तब दुखी क्यों नहीं थे, जब भाजपा ने सभी बड़े वादे पूरे नहीं किए? क्या आप चाय बागान गए और कामगारों से उनकी दिक्कतों के बारे में बात की? ’’

कांग्रेस महासचिव ने दो मार्च को असम के विश्वनाथ में एक चाय बागान का दौरा किया था और श्रमिकों से बात की थी। उन्होंने चाय पत्तियां तोड़ने में भी चाय बागान की महिला श्रमिकों की मदद की थी, जिसे भाजपा नेताओं ने ‘नौटंकी’ करार दिया था।

असम में अपने पिछले दौरे में चाय बागान जाने का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा कि उन्हें चाय बागान श्रमिकों की जीवनशैली के बारे में पता चला और महसूस हुआ कि ‘‘चाय बागान में काम करने वाली बहनें संस्कृति और पहचान की संरक्षक हैं।’’

असम में ‘डबल इंजन’ की सरकार वाले प्रधानमंत्री के चर्चित बयान के बारे में प्रियंका ने मजाक उड़ाते हुए कहा कि राज्य में अभी ‘‘दो मुख्यमंत्री’’ हैं। उन्होंने शक्तिशाली मंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के बीच सत्ता को लेकर खींचतान होने की अटकलों का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके पास डबल इंजन की सरकार है, लेकिन असम के पास दो मुख्यमंत्री हैं। मुझे नहीं पता कि कौन से ईंधन से कौन-सा इंजन चलेगा। असम में असम सरकार नहीं चल रही है...असम गण परिषद भी अब दिल्ली गण परिषद हो गयी है क्योंकि वह भी दिल्ली की मंजूरी के बिना काम नहीं कर सकती। भगवान आपको बचाए।’’

असम गण परिषद सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘असम की सरकार इस समय रिमोट कंट्रोल से चल रही है। अगर आप उन्हें दोबारा चुनेंगे तो नुकसान में रहेंगे। इसलिए कांग्रेस की सरकार बनाइए और अपना मुख्यमंत्री बनाइए।’’

कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने युवाओं, किसानों और चाय बागान श्रमिकों समेत समाज के सभी वर्गों के साथ धोखा किया है, क्योंकि उसने पांच साल पहले किया अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया।

प्रधानमंत्री पर निशाना साधना जारी रखते हुए प्रियंका ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने असमिया संस्कृति और लोगों का अपमान किया और जनता हमें माफ नहीं करेगी। क्या यह पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का अपमान नहीं है, जो आज इस दुनिया में नहीं हैं? गोगोई असम के लिए जीते रहे और अंतिम सांस तक यहां के लोगों के लिए काम करते रहे।’’

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी 15वीं-16वीं शताब्दी के वैष्णव विद्वान श्रीमंत शंकरदेव का अपमान करने का आरोप लगाया।

प्रियंका ने आरोप लगाया कि भाजपा का एकमात्र मकसद असम की प्रमुख संपत्तियों को मोदी के दो-तीन करीबी उद्योगपति मित्रों को सौंपना है।

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