देश की खबरें | मीरवाइज ने वक्फ समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखा, संशोधनों पर चर्चा के लिए तत्काल बैठक की मांग की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कश्मीर के मीरवाइज और मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख उमर फारूक ने बृहस्पतिवार को वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों पर फिर से गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय के हितों को खतरा है और यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

श्रीनगर, 28 नवंबर कश्मीर के मीरवाइज और मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख उमर फारूक ने बृहस्पतिवार को वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों पर फिर से गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे मुस्लिम समुदाय के हितों को खतरा है और यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

सितंबर में लिखे अपने पत्र की याद दिलाते हुए फारूक ने वक्फ (संशोधन) विधेयक से संबंधित संसद की संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र लिखकर प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा के लिए तत्काल बैठक आयोजित करने की मांग की।

पाल को लिखे एक पृष्ठ के पत्र में फारूक ने संशोधनों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एमएमयू का मानना ​​है कि इससे समुदाय के धार्मिक, सामाजिक और धर्मार्थ संस्थानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

संगठन ने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों से वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता और मौलिक उद्देश्य कमजोर हो सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में विभिन्न इस्लामी संगठनों, उलेमाओं और शैक्षणिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह एमएमयू का मानना ​​है कि प्रस्तावित संशोधन मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए खतरा है और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

एमएमयू के पत्र में कहा गया है, "जैसा कि हमारे पिछले पत्र में बताया गया है, प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों की स्वायत्तता और उद्देश्य के लिए गंभीर चुनौतियां पेश करते हैं। इन प्रस्तावित संशोधनों ने जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के बीच व्यापक आशंकाएं पैदा कर दी हैं।"

पत्र में कहा गया है, "परिणामस्वरूप, यह जरूरी है कि इन चिंताओं का समाधान एकतरफा कार्रवाई के बजाय सार्थक बातचीत के जरिए किया जाए। हमारा मानना ​​है कि आपसे मुलाकात के जरिए इसके लिए एक अवसर मिलेगा।"

फारूक ने कहा कि एक मुस्लिम बहुल राज्य होने के नाते जम्मू कश्मीर की चिंताओं को सुनने और विचारपूर्वक संबोधित करने की आवश्यकता है।

फारूक ने सितंबर में पाल को पत्र लिखकर आशंकाओं पर चर्चा करने के लिए एएमयू प्रतिनिधिमंडल और समिति की बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया था।

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