सेना ने बताया कि आतंकवादियों ने लेफ्टिनेंट कर्नल खालिद अमीर को बुधवार को उस समय अगवा कर लिया था, जब वह अपने पिता के जनाजे में शामिल लोगों का मस्जिद में इंतजार कर रहे थे।
सेना ने एक बयान में कहा कि लेफ्टिनेंट कर्नल खालिद और उनके तीन रिश्तेदारों की “बिना शर्त रिहाई” कबायली बुजुर्गों के दखल के कारण मुमकिन हो पाई और “चारों अपहृत लोग सुरक्षित अपने घर लौट गए हैं।”
सेना ने घटना के संबंध में कोई अन्य जानकारी नहीं दी।
उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के अशांत डेरा इस्माइल खान इलाके में एक सैन्य अधिकारी और उसके तीन रिश्तेदारों के अपहरण की घटना की किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली थी। हालांकि, अपहरण के कुछ घंटों बाद जारी वीडियो बयान में दो अपहृत लोग यह कहते हुए नजर आए थे कि वे पाकिस्तानी तालिबान के कब्जे में हैं।
वे वीडियो में सरकार से अपहरणकर्ताओं की सभी मांगें मानने का अनुरोध करते भी नजर आए। हालांकि, वीडियो में मांगें स्पष्ट नहीं की गई थीं।
पाकिस्तान में टीटीपी अक्सर सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है, लेकिन अपहरण और रिहाई की इस तरह की घटनाएं दुर्लभ हैं। टीटीपी अफगान तालिबान से अलग संगठन है, लेकिन दोनों के बीच गहरे रिश्ते हैं। वर्ष 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद से टीटीपी का हौसला बढ़ा है।
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