देश की खबरें | एमसीडी चुनाव कचरे के मुद्दे पर लड़ा जाएगा, पांच साल में दिल्ली को साफ कर देंगे : केजरीवाल
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को गाजीपुर ढलाव घर पहुंचे और कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आगामी चुनाव कचरे के मुद्दे पर लड़े जाएंगे।
नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को गाजीपुर ढलाव घर पहुंचे और कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आगामी चुनाव कचरे के मुद्दे पर लड़े जाएंगे।
उन्होंने वादा किया कि अगर आम आदमी पार्टी (आप) एमसीडी चुनाव जीतती है तो पांच वर्ष में दिल्ली को साफ कर दिया जाएगा।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सैकड़ों समर्थकों ने केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारे लगाए। आप कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
ढलाव घर स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने, दिल्ली में पहले रहे तीन नगर निगमों में 15 साल के शासन के दौरान कचरे के पहाड़ दिए और पूरे शहर को कचरे से भर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘गाजीपुर कूड़े का ढेर भाजपा के बुरे कर्मों का और नगर निकायों में हुए भ्रष्टाचार का पहाड़ है। एमसीडी चुनाव कचरे के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘भाजपा नेता आपके बेटे (केजरीवाल), आपके श्रवण कुमार को गालियां देते हैं जो आपको तीर्थयात्रा कराता है। क्या आप इसे बर्दाश्त करेंगे? आगामी एमसीडी चुनावों में उन्हें जवाब दीजिए।’’
गाजीपुर ढलाव घर के निरीक्षण के लिए पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किए जाने पर उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘किसी को यहां नहीं आने देना चाहती।’’
केजरीवाल ने दावा किया, ‘‘उन्होंने कचरे के इस पहाड़ को बचाने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की। सभी बुरी ताकतों ने हमारे (आप के) खिलाफ साजिश रची है। उन्होंने एमसीडी चुनावों में इस उम्मीद में देरी की और वार्ड अलग कर दिए कि उन्हें सीटें मिलेंगी। मैं उन्हें बता दूं कि इस बार भाजपा के समर्थक भी उन्हें वोट नहीं देंगे।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने नगर निकायों में 15 साल के शासन के दौरान ‘‘दो लाख करोड़ रुपये का गबन’’ किया।
केजरीवाल ने आरोप लगाया, ‘‘वे दावा करते हैं कि मैंने एमसीडी को पैसा नहीं दिया। पिछले 15 साल में उन्होंने दो लाख करोड़ रुपये का गबन किया, जिसमें से एक लाख करोड़ रुपये दिल्ली सरकार ने दिए थे।’’
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