ठाणे (महाराष्ट्र), 10 अक्टूबर महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने अपनी नवजात बच्ची की हत्या की आरोपी 34 वर्षीय महिला को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
कल्याण की एक अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शौकत एस गोरवडे ने चार अक्टूबर के अपने आदेश में कहा कि अभियोजन भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत महिला के खिलाफ आरोप साबित करने में नाकाम रहा। यह आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक एस आर कुलकर्णी ने अदालत से कहा कि महिला ने 15 अप्रैल 2018 को एक बच्ची को जन्म दिया था तथा उसे 17 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। उसकी पहले से दो बेटियां हैं।
उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल 2018 को कल्याण शहर के उंबर्डे गांव की रहने वाली महिला अपने पति तथा नवजात बच्ची के साथ सिविल अस्पताल गई, जहां चिकित्सकों ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही बच्ची की मौत होने की पुष्टि की।
खड़कपाडा पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोप लगाया कि महिला ने तीसरी लड़की होने पर बच्ची की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने महिला के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन यह साबित नहीं कर पाया कि मृतक बच्ची के गर्दन पर मिले नाखून के निशान आरोपी महिला के थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कोई गवाह नहीं मिला जो यह साबित कर सके कि आरोपी ने बच्ची का मुंह और गला दबाया तथा उसकी हत्या की।’’
अदालत ने कहा कि सबूतों के अभाव में महिला को बरी किया जाता है।
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