Maharashtra: भर्ती होने से बचने के लिए दो कोविड रोगियों ने नकली मरीजों को भेजा अस्पताल, तीन गिरफ्तार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के एक चिड़ियाघर में किए गए रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए दो लोगों ने अस्पताल में भर्ती होने से बचने के लिए अपनी जगह दो नकली मरीजों को 10,000 रुपये की पेशकश करके एक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
औरंगाबाद: महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) शहर के एक चिड़ियाघर में किए गए रैपिड एंटीजन टेस्ट में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाए गए दो लोगों ने अस्पताल में भर्ती होने से बचने के लिए अपनी जगह दो नकली मरीजों को 10,000 रुपये की पेशकश करके एक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद शहर की पुलिस ने सोमवार को नकली रोगियों की असली पहचान सामने आने के तुरंत बाद नगर निगम द्वारा संचालित कोविड केंद्र से उन्हें गिरफ्तार किया, जबकि वास्तविक रोगियों में से एक गौरव कथार को बुधवार को पकड़ा गया. उन्होंने कहा कि गगन पागरे नामक एक अन्य रोगी की तलाश जारी है.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ''सिद्धार्थ गार्डन, औरंगाबाद में एक चिड़ियाघर-पार्क लंबे समय के बाद फिर से खोला गया। कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के अनुसार, अगर किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 टीकों की दोनों खुराक नहीं मिली है, तो उन्हें मौके पर एक रैपिड एंटीजन जांच से गुजरना होता है. शनिवार को जब पागरे और कथार चिड़ियाघर गए तो वहां की गई इस जांच में वे संक्रमित पाए गए.'' यह भी पढ़ें: COVID वार्ड में हवा में मौजूद कोरोना वायरस को हटा सकते हैं एयर फिल्टर: स्टडी
उन्होंने कहा, ''हालांकि, उन्होंने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बजाय दो युवकों को 10,000 रुपये की पेशकश करके अपनी जगह उन्हें अस्पताल भेज दिया. ''उन्होंने कहा कि सबाले नामक व्यक्ति अपनी कार में शनिवार को नकली मरीजों आलोक राठौड़ और अतुल सदावर्ते को औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) के मेलट्रॉन कोविड केयर सेंटर लेकर गया था. अधिकारी ने कहा कि भर्ती होने के बाद वे डॉक्टरों से उन्हें दूसरे केंद्र में स्थानांतरित करने के लिए कहते रहे. रविवार को, उन्होंने औरंगाबाद के एक अन्य निजी अस्पताल से एक रेफरल पत्र भी पेश किया.
इसके बाद, मेलट्रॉन केंद्र की प्रभारी डॉ वैशाली मुगदादकर ने अस्पताल के कर्मचारियों को दो संदिग्ध मरीजों पर कड़ी नजर रखने और बाहर निकलने की कोशिश करने पर शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया। लेकिन बाद में दोनों लोगों ने खुलासा किया कि असली लोगों ने उन्हें नकली मरीजों के रूप में केंद्र में भेजा था. उन्होंने बताया कि यह पता चलने के बाद पुलिस ने सोमवार को राठौड़ और सदावर्ते को गिरफ्तार कर लिया. शहर के म्हाडा कॉलोनी निवासी कथार को वेदांत नगर पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)