औरंगाबाद (महाराष्ट्र), छह नवंबर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय पढ़ाई में छात्रों की दिलचस्पी और उनकी उपस्थिति बनाए रखने के लिए नए-नए तरीके आजमा रहा है।
बाबूवाड़ी-चर्था गांव में जिला परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक विद्यालय में केवल 50 छात्र और दो शिक्षक हैं। यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है।
पिछले कुछ वर्षों से पांचवीं कक्षा तक का यह विद्यालय बच्चों को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों से अवगत कराने के लिए अनूठी पहल कर रहा है, ताकि वे विद्यालय के आसपास के पर्यावरण की देखभाल कर सकें। साथ ही वह उन्हें अच्छी तरह से पढ़ाई करने के लिए भी प्रेरित कर रहा है।
चाहे हर सुबह विद्यालय को साफ करने में शिक्षकों की मदद करना हो, पौधे लगाना हो या ‘नो बैग’ वाले दिनों का आनंद उठाना हो, बच्चों को विद्यालय की पहलों के कारण वहां आना काफी अच्छा लगा है।
हाल की ‘स्माइल बैज’ पहल के बारे में विद्यालय के प्रधानाचार्य सुधीर तुपे ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी ने छात्रों की पढ़ाई की आदत बदल दी है। ‘स्माइल बैज’ पहल यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई कि बच्चों को उनका होमवर्क (गृहकार्य) पूरा करने के लिए प्रेरित किया जाए।’’
उन्होंने बताया कि जो बच्चे अपना होमवर्क पूरा करते हैं, उन्हें बैज दिया जाता है तथा वे विद्यालय में इसे पहनते हैं। हर दिन के होमवर्क की जांच करने के लिए छात्रों की एक समिति बनाई गई है।
तुपे ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘विद्यालय हर दिन सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होता है, लेकिन बच्चे परिसर को साफ करने में शिक्षकों की मदद करने के लिए आधा घंटा पहले ही आ जाते हैं।’’
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