सिगरेट न पीने वालों में बढ़ रहा है फेफड़ों का कैंसर: रिपोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

विश्व कैंसर दिवस पर छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में धूम्रपान न करने वालों में लंग कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं.लैंसेट रेस्पिरेटरी मेडिसन जर्नल में छपे एक अध्ययन में बताया गया है कि जिन लोगों ने कभी सिगरेट नहीं पी, उनके बीच लंग कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) पर प्रकाशित इस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार लोगों के बीच कैंसर के बढ़ते मामलों के लिए वायु प्रदूषण को जिम्मेदार बताया गया है. भारत, चीन, थाइलैंड जैसे दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के लोग और खासकर महिलाएं इससे विशेष रूप से प्रभावित हो रही हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में करीब 25 लाख लोगों में लंग कैंसर की पुष्टि की गई थी.

महिलाओं में बढ़े मामले

कैंसर से प्रभावित लोगों में ज्यादातर पुरुष थे लेकिन लगभग दस लाख महिलाओं में भी इसकी पुष्टि हुई है, जो लगातार बढ़ रहा है. एक खास तरह का फेफड़ों का कैंसर, जिसे एडेनोकार्सिनोमा कहते हैं, 185 देशों में महिलाओं में सबसे ज्यादा आम हो गया है. एडेनोकार्सिनोमा ग्लैंड्स में बनना शुरू होता है जो बलगम जैसे तरल पदार्थ बनाता है.

कैंसर का यह प्रकार पुरुषों और महिलाओं दोनों में बहुत आम हो गया है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि कैंसर का यह प्रकार 2022 में सिगरेट न पीने वालों में फेफड़ों के कैंसर के 53 से 70 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार था.

वायु प्रदूषण जिम्मेदार

फेफड़ों के कैंसर के लगातार बढ़ रहे मामलों के लिए बढ़ते वायु प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया गया है. शोधकर्ताओं ने पाया कि साल 2020 से 2022 तक पुरुषों और महिलाओं में होने वाले फेफड़ों के कैंसर के 10 में से 6 मामलों के लिए एडेनोकार्सिनोमा ही जिम्मेदार था.

कैंसर पर शोध के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी (आईएआरसी) में कैंसर निगरानी शाखा के प्रमुख फ्रेडी ब्रे ने कहा, "धूम्रपान के तरीकों में बदलाव और वायु प्रदूषण, उन मुख्य कारणों में से एक है जिनकी वजह से आज हम फेफड़े के कैंसर के प्रकारों में होने वाला बदलाव देख रहे हैं." कैंसर से जुड़ी मौतों के लिए फेफड़ों का कैंसर एक प्रमुख कारण है.

मोबाइल फोन और ब्रेन कैंसर में कोई संबंध नहींः शोध

दुनिया भर के जिन देशों में लोगों के बीच धूम्रपान का प्रचलन घट रहा है, वहां कभी सिगरेट न पीने वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर का अनुपात बढ़ रहा है. कभी सिगरेट न पीने वाले लोगों में फेफड़े का कैंसर दुनिया भर में कैंसर से जुड़ी मौत का पांचवां मुख्य कारण बन गया है और इससे सबसे ज्यादा एशियाई आबादी विशेषकर महिलाएं प्रभावित हैं.

शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई अन्य निगरानीकर्ताओं के डाटा को आधार बनाया. आंकड़ों के आधार पर एडेनोकार्सिनोमा का उच्चतम स्तर पूर्वी एशिया, खासकर चीन में सबसे ज्यादा पाया गया. चीन में सिगरेट न पीने वाली महिलाएं खाने पकाने के लिए ईंधन के संपर्क में आने की वजह से फेफड़ों के कैंसर का शिकार बन रही हैं.

एवाई/वीके (रॉयटर्स/एपी)