श्रीनगर, छह सितंबर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कश्मीर मुद्दे का समाधान केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने तक सीमित करने में सफल रही है जो इस पूर्ववर्ती प्रदेश के लोगों के साथ अन्याय है।
मुफ्ती ने यहां पीडीपी कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा कश्मीर मुद्दे को अनुच्छेद 370 तक लाने और अनुच्छेद 370 को राज्य का दर्जा बहाल करने और राज्य का दर्जा बहाल करने को चुनाव कराने तक सीमित करने में सफल रही है।’’
उनके मुताबिक, कश्मीर के मुद्दे के समाधान के लिए हजारों लोग मारे गए, हजारों अनाथ हुए और हमें अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए राजनीतिक दलों की बढ़ती मांग पर टिप्पणी कर रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ राजनीतिक दल चुनाव होने पर खुश हैं और राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कर रहे हैं। यह पैर कटने के बाद जूते तलाशने जैसा है। कश्मीर पीडीपी का मुख्य मुद्दा है जिसके लिए हमने पहले भी काम किया है। हम सुलह की बात करते हैं। मुद्दे को सिर्फ राज्य का दर्जा बहाल करने तक सीमित रखना लोगों के साथ अन्याय है।’’
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि यह सत्ता हासिल करने के लिए सीट-बंटवारे की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सिद्धांतों पर आधारित गठबंधन नहीं है। यह सत्ता के लिए सीटों का बंटवारा है। देखिए जेकेपीसीसी अध्यक्ष (तारिक हमीद कर्रा) जिस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, त्राल में क्या हो रहा है। जहां भी नेकां ने कांग्रेस के लिए सीट छोड़ी है, वहां नेकां का कोई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है और उन्हें नेकां कार्यकर्ताओं का पूरा समर्थन प्राप्त है।’’
चौधरी लाल सिंह को चुनावों के लिए एक ‘स्टार प्रचारक’ बनाने संबंधी कांग्रेस के कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुफ्ती ने कहा कि यह विभिन्न दलों के लिए नीति का मामला है।
उन्होंने कहा, ‘‘नेकां शासनकाल के दौरान शोपियां में (2009) एक त्रासदी हुई थी। दोषियों को दंडित करने के बजाय, शिकायत दर्ज कराने वालों को ही सलाखों के पीछे डाल दिया गया।’’
अपने शासनकाल के दौरान कठुआ बलात्कार और हत्या मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि छह लोग आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और दो मंत्रियों को मंत्रिमंडल से इसलिए हटा दिया गया था क्योंकि उन्होंने बलात्कारियों के समर्थन में निकाली गई रैली में भाग लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘यह नीतिगत मामला है - इन मुद्दों पर नेकां-कांग्रेस की नीति अलग हो सकती है। उमर अब्दुल्ला इस सवाल का बेहतर जवाब दे सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि लोगों ने, खासकर उत्तर प्रदेश में, भाजपा को सबक सिखाया है। वे अयोध्या सीट हार गए जहां राम मंदिर का निर्माण हुआ था, लेकिन मुझे लगता है कि भाजपा ने अभी भी सबक नहीं सीखा है।’’
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