नयी दिल्ली, 29 अगस्त मांग बढ़ने के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह मूंगफली, बिनौला, सोयाबीन डीगम तेल और सीपीओ तेल कीमतों में सुधार का रुख रहा, जबकि मांग प्रभावित होने से सोयाबीन के बाकी तेल-तिलहन और पामोलीन तेल कीमतों के भाव नरमी दर्शाते बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते सप्ताह मंडियों में आवक कम होने से सरसों दाने की कीमत में तेजी आई। आधे से ज्यादा सरसों तेल मिलों के बंद होने के बावजूद सरसों तेल की कीमतों में गिरावट नहीं है। उन्होंने कहा कि आगे जाकर मांग बढ़ेगी ही, जबकि आवक कम होगी। उन्होंने कहा कि सोयाबीन तेल-तिलहनों का आयात किया जा सकता है, पर सरसों का कोई विकल्प नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का दाम मार्च- अप्रैल के दौरान सरसों से 10 रुपये क्विंटल अधिक होने के कारण सरसों की खपत एवं पेराई बढ़ गई। इस स्थिति की वजह से सरसों दाने के भाव में सुधार आया।
साल्वेंट एक्सट्रैटर्स एसोसिएशन (एसईए) के कार्यकारी निदेशक वी वी मेहता ने कहा कि कोविड महामारी के साथ-साथ सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के महंगा होने के कारण सरसों की खपत बढ़ गई। उन्होंने कहा कि ब्लेंडिंग पर रोक के कारण भी सरसों दाने की कमी होने से भी इसकी कीमतों में तेजी आई।
उन्होंने कहा कि शनिवार को देशभर में सरसों की आवक घटकर करीब डेढ़ लाख बोरी रह गई है जबकि मांग करीब 3.5 लाख बोरी प्रतिदिन की है। उन्होंने कहा कि सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) का आयात शुरू होने के बाद सोयाबीन दाना एवं लूज की कीमतों में गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि सोयाबीन के तेल पेराई संयंत्रों के रखरखाव के काम में मशगूल होने की वजह से मांग प्रभावित होने के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट आई। दूसरी ओर सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन डीगम के भाव मामूली तेजी के साथ बंद हुए।
बिनौला तेल का दाम मूंगफली के आसपास होने की वजह से विशेष तौर पर गुजरात में मूंगफली की मांग बढ़ गई जिससे मूंगफली तेल-तिलहनों के भाव मजबूती के साथ बंद हुए।
उन्होंने कहा कि पामोलीन तेल का आयात शुरू होने के बाद स्थानीय बाजार में पामोलीन तेल के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए, जबकि समीक्षाधीन सप्ताहांत में वनस्पति मिलों की मांग बढ़ने से कच्चे पामतेल (सीपीओ) में सुधार दर्ज हुआ।
ऑफसीजन होने के कारण बिनौला तेल कीमतों में भी मजबूती का रुख रहा।
उन्होंने कहा कि सरकार को तिलहन के संदर्भ में बाजार पर कड़ी नजर रखनी होगी तथा अगली बुवाई के लिए सरसों बीजों का समुचित इंतजाम रखना होगा। उम्मीद है कि अगली बार सरसों का उत्पादन दोगुना हो सकता है।
बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 125 रुपये का लाभ दर्शाता 8,175-8,225 रुपये प्रति क्विंटल हो गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,025-8,100 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल तथा सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी के भाव अपरिवर्तित रुख के साथ बंद हुए।
सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 375 रुपये और 250 रुपये की गिरावट दर्शाते क्रमश: 9,000-9,025 रुपये और 8,700-8,800 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
सामान्य रुख के विपरीत सोयाबीन डीगम की कीमत 10 रुपये के मामूली सुधार के साथ 13,660 रुपये क्विंटल पर बंद हुई। जबकि सोयाबीन के बाकी तेलों की कीमतें हानि का रुख प्रदर्शित करती बंद हुईं।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली (तिलहन) 200 रुपये के सुधार के साथ 6,620-6,765 रुपये पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली गुजरात 400 रुपये सुधार के साथ 15,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड का भाव 55 रुपये सुधार के साथ 2,385-2,515 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 60 रुपये बढ़कर 12,010 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल के भाव क्रमश: 100 रुपये और 90 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 13,650 रुपये और 12,510 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बिनौला तेल की कीमत 50 रुपये सुधरकर 14,550 रुपये क्विंटल हो गई।
राजेश
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