Rajasthan: बाड़मेर में बलात्कार के बाद जलाई गई दलित महिला का अंतिम संस्कार
राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक व्यक्ति द्वारा कथित रूप से बलात्कार के बाद जलायी गयी एक दलित महिला का रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ मांगों को लेकर सहमति के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि शनिवार की देर रात जोधपुर में पोस्टमार्टम के बाद दलित महिला का शव बाड़मेर के बालोतरा लाया गया.
जयपुर, 9 अप्रैल : राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक व्यक्ति द्वारा कथित रूप से बलात्कार के बाद जलायी गयी एक दलित महिला का रविवार को परिवार के सदस्यों के साथ मांगों को लेकर सहमति के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि शनिवार की देर रात जोधपुर में पोस्टमार्टम के बाद दलित महिला का शव बाड़मेर के बालोतरा लाया गया. उन्होंने बताया कि रविवार की सुबह उसका अंतिम संस्कार किया गया. बाड़मेर के अतिरिक्त जिलाधिकारी अवनीश पंवार ने बताया, ''शनिवार की देर रात परिवार के लोग प्रशासन के आश्वासन पर राजी हो गए जिसके बाद दलित महिला का पोस्टमार्टम किया गया. आज सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया.'' उन्होंने आगे बताया, "परिवार के सदस्य पोस्टमार्टम के लिए तब राजी हुए जब उन्हें आश्वासन दिया गया कि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं के तहत अधिकतम लाभ प्रदान किया जाएगा." कल बालोतरा विधायक मदन प्रजापत ने कहा था कि परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, इसके अलावा उन्हें पांच लाख रुपये दिए जाएंगे. इस बीच, पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलने और संवेदना व्यक्त करने के लिए पाली के सांसद पी पी चौधरी, विपक्ष में उपनेता सतीश पूनिया और जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग सहित तीन सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल आज बाड़मेर पहुंचा.
जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्य में महिलायें असुरक्षित हैं और वे कांग्रेस सरकार से सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकती. राठौड़ ने कहा, "अगर आप महिला हैं, और आप घर में अकेली हैं तो आप असुरक्षित हैं. आप इस राज्य सरकार से सुरक्षा की उम्मीद नहीं कर सकते. यह सरकार अपने आकाओं को खुश करने में व्यस्त है. यह पोस्टर लगाने में व्यस्त है और सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी नहीं है." पीड़ित महिला के परिजनों ने शनिवार को शव लेने से इनकार कर दिया था और एक करोड़ रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषी पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग की थी. गौरतलब है कि तीस वर्षीय दलित महिला के साथ गत छह अप्रैल को शकूर खान ने उसके घर में कथित तौर पर बलात्कार किया और उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसको आग के हवाले कर दिया. पुलिस के अनुसार महिला करीब 50 फीसदी झुलस गई थी. यह भी पढ़ें : डॉक्टरों का आरोप, दिव्यांग पेशोंवरों की नौकरी संबंधी सरकारी आदेशों की अवेहलना कर रहे मेडिकल कॉलेज
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के गांव में ही रहने वाले आरोपी खान पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 326 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट पहुंचाना), 450 (अपराध करने के लिए घर में अतिचार) और अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि बाद में इन धाराओं में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का आरोप भी प्राथमिकी में जोड़ा गया. मृतका के पति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार आरोपी खान बृहस्पतिवार को उनके घर में उस समय घुस गया जब वह अकेली थी और उसने उसके (दलित महिला के) साथ बलात्कार किया. आरोपी ने उस पर तेजाब जैसा ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी.