कोविड-19: चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत जाने के निर्देश के लिये न्यायालय मे याचिका

यह याचिका मदुरै निवासी के के रमेश ने अधिवक्ता सी आर जय सुकिन के माध्यम से दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि इस बात के ठोस सबूत हैं कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन की वुहान विषाणु संस्था से ही हुयी और इसने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के अलावा हमारे सैकड़ों नागरिकों को मार दिया है।

कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुये नुकसान की भरपाई के लिये चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में 600 बिलियन अमेरिकी डालर के मुआवजे का मुकदमा दायर करने का भारत सरकार को निर्देश दिया जाये. याचिका में कहा गया है कि चीन ने कथित रूप से जानबूझकर कोरोना वायरस संकट पैदा किया।यह याचिका मदुरै निवासी के के रमेश ने अधिवक्ता सी आर जय सुकिन के माध्यम से दायर की है. याचिका में दावा किया गया है कि इस बात के ठोस सबूत हैं कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन की वुहान विषाणु संस्था से ही हुयी और इसने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के अलावा हमारे सैकड़ों नागरिकों को मार दिया है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि चीन ने जानबूझकर भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में कोविड-19 का सृजन किया। याचिका के अनुसार चीन द्वारा तैयार किया गया यह वायरस बहुत ही घातक है और यह भारत में व्यापक नरसंहार करने में सक्षम जैविक हथियार है. याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि कोरोना वायरस भारत और दूसरे देशों में तो पहुंचा लेकिन वुहान में इसकी उत्पत्ति होने के बावजूद यह चीन के दूसरे शहरों में नहीं पहुंचा. याचिका में कहा गया है कि चूंकि कोई व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय न्यायालय नहीं जा सकता है. यह भी पढ़े: चीन में बनी कोरोना वायरस वैक्सीन बंदरों पर प्रभावी, अब इंसानों पर टेस्टिंग की तैयारी

इसलिए केन्द्र को इस संबंध में मामला दायर करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में कोविड-19 महामारी के संक्रमण से अब तक 1886 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है और 56 हजार से ज्यादा व्यक्ति इससे प्रभावित हैं.

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