नयी दिल्ली, सात जुलाई संसदीय स्थायी समिति की बैठकों में भाग लेने वाले सांसदों को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से बचने के लिए छह फुट की दूरी पर बैठना होगा और एक समय पर पैनल के सामने संबंधित मंत्रालय के दो से अधिक गवाह पेश नहीं हो सकते।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और गृह मामलों की स्थायी समितियों की क्रमश: 10 और 15 जुलाई को बैठकों से पहले राज्यसभा सचिवालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से मद्देनजर आठ बिंदुओं वाला प्रोटोकॉल जारी किया है।
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गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने तीन जून को बैठक बुलाई थी, लेकिन सदस्यों ने वैश्विक महामारी संबंधी मौजूदा हालात के मद्देनजर बैठक में शामिल होने में असमर्थता जाहिर की थी।
यात्रा प्रतिबंधों एवं पृथक-वास संबंधी अनिवार्यता के कारण सदस्यों को पैनल की बैठक में शामिल होने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर बैठक में सदस्यों की ऑनलाइन भागीदारी की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
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सूत्रों ने बताया कि लोकसभा एवं राज्यसभा के दो पीठासीन अधिकारियों ने ऑनलाइन पैनल बैठक करने के मामले पर पहले विचार-विमर्श किया था, लेकिन उन्होंने मौजूदा नियमों के कारण इसकी मंजूरी नहीं दी थी। ऑनलाइन बैठकों के लिए संसद की नियम समिति को नियमों में बदलाव करना होगा और इसके लिए संसद में प्रस्ताव की आवश्यकता होगा।
राज्यसभा में विभाग संबंध आठ स्थायी समितियां हैं, जिनमें से दो के अध्यक्ष कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और जयराम रमेश हैं।
रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘माननीय एम. वेंकैया नायडू, विज्ञान एवं प्रौद्यागिकी स्थायी समिति की बैठक 10 जुलाई को होनी है। सभी दलों के सांसदों ने समिति की ऑनलाइन बैठक का अनुरोध किया है ताकि कोविड-19 संबंधी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मामलों पर चर्चा की जा सके। मुझे उम्मीद है कि आप इसकी अनुमति देंगे। जहां चाह है, वह दक्षता है।’’
रमेश ने सभापति को लिखे पत्र में कहा, ‘‘समिति के कई सदस्यों ने यात्रा प्रतिबंधों, पृथक-वास की अनिवार्यता और अन्य पाबंदियों के कारण बैठक में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की है। मुझे इस बात को लेकर भी संशय है कि हम कोरम पूरा कर भी पाएंगे या नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर दल के सदस्य ने समिति की ऑनलाइन बैठक कराने का अनुरोध किया है। निस्संदेह ऐसा किया जा सकता है- कई अन्य देशों ने संसद का पूरा सत्र ऑनलाइन माध्यम से पूरा किया है। मैं एक बार फिर आप से अनुरोध करता हूं कि स्थायी समितियों की ऑनलाइन बैठक की अनुमति दी जाए।’’
राज्यसभा समितियों की बैठक संबंधी प्रोटोकॉल के तहत सदस्यों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
इस प्रोटोकॉल में कहा गया है, ‘‘समिति के सदस्य छह फुट की दूरी पर बैठेंगे और अधिकतम संभावित साझीदारी संभव बनाने के लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘एक समय पर समिति के सामने साक्ष्यों के लिए मंत्रालय/विभाग के केवल दो गवाहों को अनुमति दी जाएगी और यदि और गवाहों से पूछताछ की जानी है, तो यह बारी-बारी से किया जाएगा। समितियों को जिन गवाहों से पूछताछ करनी है, उसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है।’’
इसमें यह भी कहा गया है कि बैठक की सामग्री की सॉफ्ट कॉपी सदस्यों को दी जाएगी और पत्रकारों को समिति कक्षों में बैठाया जाएगा।
समितियों संबंधी अधिकारियों की भागीदारी पर प्रतिबंध होगा। बैठकों में भाग लेने वाले सदस्यों का पहले पता कर लिया जाएगा, ताकि आवश्यक साजो-सामान सुनिश्चित किया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि समिति कक्षों के बाहर हैंड सैनेटाइजर, एक बार इस्तेमाल होने वाले मास्क और दस्ताने रखे जाएंगे। उनकी हाजिरी भी बाहर लगाई जाएगी।
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