आईसीसी से मिली फटकार को चुनौती देंगे आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज Usman Khawaja, कहा काली पट्टी शोक के कारण बांधी

पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में बांह पर काली पट्टी बांधने के कारण आईसीसी से फटकार झेलने वाले आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने शुक्रवार को कहा कि वह इसे चुनौती देंगे क्योंकि उन्होंने आईसीसी को बताया था कि ऐसा उन्होंने निजी शोक के कारण किया है

Usman Khawaja wears black armband (Photo Credit: @PakPassion)

मेलबर्न, 22 दिसंबर पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में बांह पर काली पट्टी बांधने के कारण आईसीसी से फटकार झेलने वाले आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने शुक्रवार को कहा कि वह इसे चुनौती देंगे क्योंकि उन्होंने आईसीसी को बताया था कि ऐसा उन्होंने निजी शोक के कारण किया है. ख्वाजा ने पर्थ में पिछले सप्ताह पाकिस्तान पर 360 रन से मिली जीत के दौरान बांह पर काली पट्टी बांधी थी. वह 13 दिसंबर को अभ्यास सत्र के लिये उतरे तो उनके बल्लेबाजी के जूतों पर ‘ आल लाइव्स आर इकवल’ और ‘ फ्रीडम इज ह्यूमन राइट’ लिखा हुआ था. यह भी पढ़ें: घुटने की चोट के कारण बीबीएल के आगामी सीजन से बाहर हुए ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एश्टन टर्नर

ख्वाजा ने कहा ,‘‘ आईसीसी ने पर्थ टेस्ट के दूसेर दिन मुझसे पूछा था कि काली पट्टी क्यो बांधी है और मैने कहा था कि यह निजी शोक के कारण है । मैने इसके अलावा कुछ नहीं कहा था.’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं आईसीसी और उसके नियमों का सम्मान करता हूं । मैं इस फैसले को चुनौती दूंगा. जूतों का मसला अलग था. मुझे वह कहकर अच्छा लगा लेकिन आर्मबैंड को लेकर फटकार का कोई मतलब नहीं है.’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैने अतीत में भी सारे नियमों का पालन किया है. खिलाड़ी अपने बल्लों पर स्टिकर लगाते हैं, जूतों पर नाम लिखते हैं और आईसीसी की अनुमति के बिना बहुत कुछ होता है लेकिन फटकार नहीं लगाई जाती.’’

आईसीसी के नियमों के तहत क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान किसी तरह के राजनीतिक, धार्मिक या नस्लवादी संदेश की नुमाइश नहीं कर सकते. लेकिन पूर्व खिलाड़ियों, परिजनों या किसी अहम व्यक्ति के निधन पर पहले से अनुमति लेकर काली पट्टी बांध सकते हैं.

पाकिस्तान में जन्में ख्वाजा आस्ट्रेलिया के लिये टेस्ट खेलने वाले पहले मुस्लिम क्रिकेटर हैं.

उन्होंने कहा कि जब वह अभ्यास सत्र के लिये आये तो उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं था. उनके जूतों पर लिखे नारे हालांकि गाजा में चल रही जंग की ओर इंगित करते हैं.

उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा कोई एजेंडा नहीं था. मैं उस बात पर रोशनी डालना चाहता था जिसका मैं धुर समर्थक हूं और मैने सम्मानजनक तरीके से ऐसा किया. मैने जूतों पर जो लिखा , उसके बारे में मैं लंबे समय से सोचता आया हूं. मैने मजहब को इससे परे रखा. मैं मानवता के मसले पर बात कर रहा था.’’

इससे पहले आईसीसी के प्रवक्ता ने कहा था ,‘‘ उस्मान ने क्रिकेट आस्ट्रेलिया और आईसीसी से अनुमति लिये बिना पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में निजी संदेश (बांह पर काली पट्टी) दिया. यह अन्य उल्लंघन श्रेणी में आता है और पहला अपराध होने पर उन्हें फटकार लगाई गई है.’’

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