प्रतिबंध के खिलाफ ‘मीडिया वन’ की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाएगा केरल उच्च न्यायालय
केरल उच्च न्यायालय मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करके उसका प्रसारण रोकने संबंधी केंद्र के फैसले को बरकरार रखने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दायर यचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है.
कोच्चि, 1 मार्च : केरल उच्च न्यायालय मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करके उसका प्रसारण रोकने संबंधी केंद्र के फैसले को बरकरार रखने के एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ दायर यचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है. चैनल के अलावा संपादक समेत उसके कर्मियों और ‘केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स’ (केयूडब्ल्यूजे) ने भी याचिकाएं दायर की है. केंद्र के फैसले के खिलाफ इन याचिकाओं को एकल न्यायाधीश ने आठ फरवरी को खारिज कर दिया था. अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी के अनुसार, इन तीनों याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा. ‘मीडिया वन’ का संचालन करने वाली माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड कंपनी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि उसे निष्पक्ष एवं ईमानदारी से समाचार दिखाने के लिए ‘‘निशाना बनाया’’ जा रहा है.
उसने दलील दी थी कि केंद्र ने प्रतिबंध को उचित ठहराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे संबंधी जिस कारण का हवाला दिया है, वह एक ‘‘चाल’’ है और ‘‘निराधार’’ है. उसने यह भी कहा कि ‘अपलिंकिंग’ और ‘डाउनलिंकिंग’ दिशानिर्देशों के अनुसार, लाइसेंस के नवीनीकरण के समय सुरक्षा मंजूरी जरूरी नहीं होती औेर यह केवल नई अनुमति के लिए आवेदन करते समय आवश्यक होती है. चैनल के संपादक, अन्य कर्मियों और केयूडब्ल्यूजे की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील जाजू बाबू ने अदालत में दलील दी थी कि चैनल की बात पहले सुने बिना उस पर प्रतिबंध लगा दिए गए, जबकि यह प्रासंगिक नियमों के तहत अनिवार्य है. बाबू ने पीठ के समक्ष तर्क दिया था कि केंद्र के 31 जनवरी के फैसले ने प्रेस की स्वतंत्रता, भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संविधान के तहत प्रदान आजीविका के अधिकार का उल्लंघन किया गया है. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र : वाहन खरीददारों से धोखाधड़ी के आरोप में आठ पकड़े गए
दूसरी ओर, केंद्र ने तर्क दिया था कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार करने का कारण बताने की आवश्यक नहीं है. उसने पीठ से कहा था कि एक बार मिली सुरक्षा मंजूरी हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती. एकल न्यायाधीश ने ‘मीडिया वन’ के प्रसारण पर रोक लगाने के केन्द्र के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा था कि गृह मंत्रालय का चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी नहीं देना सही है. यह पहला मौका नहीं है, जब चैनल को अपने संचालन पर इस तरह की रोक का सामना करना पड़ा हो. ‘मीडिया वन’ और एक अन्य मलयालम समाचार चैनल ‘एशियानेट’ को 2020 में दिल्ली में कथित साम्प्रदायिक हिंसा की उनकी ‘कवरेज’ को लेकर 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया गया था.