Kerala: केरल उच्च न्यायालय ने फर्जी वकील की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, आत्मसमर्पण करने को कहा

केरल उच्च न्यायालय ने खुद को योग्य वकील बताकर बिना लाइसेंस के निचली अदालत में दो साल तक वकालत करने वाली महिला आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी.

केरल उच्च न्यायालय (Photo Credits- Twitter)

कोच्चि, 17 सितंबर : केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने खुद को योग्य वकील बताकर बिना लाइसेंस के निचली अदालत में दो साल तक वकालत करने वाली महिला आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति श्रीशी वी. की एकल पीठ ने याचिका खारिज करते हुए महिला आरोपी को जांच अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया.इससे पहले, अदालत ने इस आरोपी महिला की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका अस्वीकार कर दी थी. अदालत ने अब पुलिस से कहा कि अगर आरोपी आत्मसमर्पण करने से इंकार करती है तो उसे गिरफ्तार किया जाए.

राज्य सरकार ने महिला आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने कई आपराधिक मामलों में वकालत की है, बार के चुनाव लड़े हैं, एसोसिएशन की लाइब्रेरियन के पद पर चुनी गई और राज्य सरकार के कई ब्रीफ में भी शामिल हुई और उसने यह सबकुछ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किया जो उसे एक योग्य वकील बताते हैं. राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि महिला के खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है वे गैरजमानती हैं और ऐसे में उसे गिरफ्तारी से कोई अंतरिम राहत नहीं मिलनी चाहिए. यह भी पढ़ें : शिअद ने कृषि कानूनों के खिलाफ निकाला मार्च, सुखबीर,हरसिमरत तथा अन्य हिरासत में

महिला आरोपी ने इससे पहले अलप्पुझा की मजिस्ट्रेट अदालत में आत्मसमर्पण करने का प्रयास किया था, उस वक्त उसे लगा था कि आसानी से जमानत मिल जाएगी. लेकिन जमानत मिलने की संभावना कम होने के बाद वह अदालत कक्ष से भाग गयी थी.

अलप्पुझा बार एसोसिएशन के अनुसार, उन्होंने आरोपी महिला की सदस्यता समाप्त कर दी है और प्रस्ताव पारित किया है कि बार का कोई भी सदस्य उसके मुकदमे की वकालत नहीं करेगा. महिला ने एलएलबी भी नहीं किया है और दो साल तक वह खुद को वकील बताती रही. एसोसिएशन ने इस संबंध में पुलिस में महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है.

Share Now

\