देश की खबरें | केरल के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और एसएफआई के खिलाफ रुख कड़ा किया, कहा-मैं डरने वाला नहीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए सोमवार को उन्हें ‘धमकाने वाला’ करार दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि वह ‘‘उनसे डरने वाले नहीं हैं’’।

मलप्पुरम (केरल), 18 दिसंबर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए सोमवार को उन्हें ‘धमकाने वाला’ करार दिया। उन्होंने साथ ही कहा कि वह ‘‘उनसे डरने वाले नहीं हैं’’।

विजयन ने एक दिन पहले राज्यपाल पर आरोप लगाया था कि वह भड़काऊ बयान देकर राज्य की शांति को ‘भंग’ करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री का उल्लेख ‘धमकाने वाले’ के तौर पर किया।

खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप उनका (विजयन का) इतिहास जानते हैं? वह कितने हत्या के मामलों में शामिल हैं? एक बुली (धमकाने वाला) क्या कहेगा? मैं कैसे उकसा रहा हूं? अगर मैं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के लोगों को (विश्वविद्यालय के)सीनेट में नामांकित करता हूं, तो यह ठीक है?’’

उन्होंने स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं को भी ‘बुली’ करार दिया।

खान ने कहा, ‘‘यदि वे मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं तो उनका हार्दिक स्वागत है। मैं कह रहा हूं, यहां आइये, यदि आप मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हो तो यहां आइये। आप क्यों नहीं आते? वे केवल बुली हैं। वे छात्र नहीं हैं। सभी छात्र एसएफआई से जुड़े हुए हैं। किसी छात्र ने प्रदर्शन नहीं किया, यह केवल एसएफआई थी। क्यों? क्योंकि उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद उन्होंने महसूस किया कि वे विश्वविद्यालयों को नियंत्रित और संचालित नहीं कर सकते हैं।’’

विश्वविद्यालयों में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा शक्तियों के कथित ‘दुरुपयोग’ का उदाहरण देते हुए खान ने दावा किया कि कालीकट विश्वविद्यालय में छह बढ़ई की नियुक्ति की गई जबकि एक ही पद की रिक्ति थी।

उन्होंने दावा किया कि छह पद पर नियुक्त लोग माकपा के कार्यकर्ता हैं।

खान ने कहा, ‘‘वे शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे थे। अब वे ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने स्थिति बिल्कुल स्पष्ट कर दी है कि उनकी कोई भूमिका नहीं है। इसी बात ने उन्हें परेशान कर दिया है।’’

खान ने यह टिप्पणी उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले के मद्देनजर की जिसके मुताबिक विश्वविद्यालयों के कुलपति राजनीतिक कार्यपालिका से निर्देश नहीं ले सकते।

विश्वविद्यालय के अतिथि गृह के बाहर मीडिया से बात करते हुए खान ने केरल पुलिस को देश में बेहतरीन और सर्वश्रेष्ठ बल करार दिया और कहा कि बल को दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि उसे अपने कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

खान ने कहा कि उन्होंने राज्य पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें कोई पुलिस सुरक्षा नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि वह ‘उधार के समय पर जी रहे हैं’ क्योंकि उनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है और वह पहले ही जीवन प्रत्याशा के राष्ट्रीय औसत को पार कर चुके हैं।

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