देश की खबरें | केरल सरकार के पास राजभवन को ‘नियंत्रित’ करने की शक्ति नहीं: राज्यपाल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और एलडीएफ सरकार के बीच जारी तनातनी ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया। राज्यपाल ने सार्वनजिक रूप से राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में किसी के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वह राजभवन को ‘नियंत्रित’ करे। राज्यपाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि सरकार का कामकाज संविधान के अनुरूप हो ।

तिरुवनंतपुरम, 19 फरवरी केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और एलडीएफ सरकार के बीच जारी तनातनी ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया। राज्यपाल ने सार्वनजिक रूप से राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार में किसी के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वह राजभवन को ‘नियंत्रित’ करे। राज्यपाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है कि सरकार का कामकाज संविधान के अनुरूप हो ।

राज्यपाल ने कहा कि कुछ महीने पहले दो साल पूरे करने के बाद मंत्रियों के निजी कर्मचारियों को पेंशन लाभ देने की परंपरा सत्ता और जनता के पैसे का दुरुपयोग है। उन्होंने खुलासा किया कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया, तो उन्होंने सरकार से इस प्रथा को खत्म करने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने साफ कर दिया कि कि वह पेंशन मामले को आगे बढ़ाने जा रहे हैं।

उन्होंने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं यहां प्रशासन चलाने के लिए नहीं हूं। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए हूं कि सरकार का कामकाज संविधान के प्रावधानों और संवैधानिक नैतिकता के अनुरूप रहे।’’

खान ने कहा कि इसके पहले केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य करते समय वह केवल 11 लोगों को अपना निजी कर्मचारी नियुक्त कर सकते थे, लेकिन केरल में प्रत्येक मंत्री के पास 20 से अधिक निजी कर्मचारी होते हैं, जिससे राज्य के खजाने पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है।

खान ने कहा कि देश में कहीं भी इस तरह के निजी कर्मचारी पेंशन प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। खान ने आरोप लगाया कि निजी कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर पार्टी में भर्ती हो रही थी। उन्होंने कहा कि वे अनिवार्य रूप से दो साल से पार्टी के लिए काम करने वाले राजनीतिक कार्यकर्ता थे, लेकिन राज्य के खजाने से वेतन ले रहे थे।

राज्यपाल के दबाव में सरकार द्वारा वरिष्ठ नौकरशाह के आर ज्योतिलाल को सामान्य प्रशासन विभाग का प्रधान सचिव बनाये जाने पर, खान ने कहा, ‘‘हां ... मैं इस स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकता जब केरल सरकार का कोई भी व्यक्ति मुझ पर अपनी पसंद थोपकर अप्रत्यक्ष रूप से राजभवन को नियंत्रित करने की कोशिश करे। राजभवन में अपनी पसंद के कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति करना, यह मैं स्वीकार नहीं कर सकता।’’

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