
तिरुवनंतपुरम, 31 जुलाई केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को ‘‘निराधार’’ करार दिया कि राज्य सरकार ने भारी बारिश के कारण वायनाड में प्राकृतिक आपदा के संबंध में केंद्र की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया।
विजयन ने कहा कि भूस्खलन से पहले भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जिले के लिए केवल ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि, जिले में 572 मिलीमीटर (मिमी) से अधिक बारिश हुई, जो आईएमडी के पूर्वानुमान से बहुत अधिक थी।
उन्होंने कहा, ‘‘आपदाग्रस्त क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था, जिसमें आईएमडी ने चेतावनी दी थी कि बारिश 115 से 204 मिमी के बीच होगी। हालांकि, वास्तव में वर्षा बहुत अधिक हुई। क्षेत्र में पहले 24 घंटों में 200 मिमी और अगले 24 घंटों में 372 मिमी बारिश हुई, कुल मिलाकर 48 घंटों में 572 मिमी बारिश हुई।’’
विजयन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रारंभिक चेतावनी से कहीं अधिक बारिश हुई। आपदा से पहले इस क्षेत्र के लिए कभी भी रेड अलर्ट जारी नहीं हुआ था। हालांकि, भूस्खलन के बाद सुबह छह बजे रेड अलर्ट जारी किया गया।’’
विजयन ने यह भी कहा कि 23 से 29 जुलाई तक केंद्रीय जल आयोग ने प्रभावित क्षेत्रों से होकर बहने वाली इरुवाझिंजी पुझा या चलियार नदियों के लिए कोई चेतावनी जारी नहीं की।
केंद्रीय जल आयोग बाढ़ की चेतावनी जारी करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा हूं। यह दोषारोपण का समय नहीं है। लेकिन, केंद्र को यह समझने की जरूरत है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हमारे पर्यावरण में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं और हमें इन परिवर्तनों से निपटने तथा इनके अनुकूल ढलने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर आसन्न आपदाओं को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाने चाहिए। मैं फिर से कहना चाहता हूं कि यह एक-दूसरे पर दोषारोपण का समय नहीं है।’’
विजयन ने यह भी कहा कि बरसात के मौसम की शुरुआत में केरल के पूर्व के अनुरोध के आधार पर राज्य को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की नौ टीम उपलब्ध कराई गईं और वायनाड जिले में एक टीम तैनात की गई।
इस मुद्दे पर अपनी सरकार का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के बाद विजयन ने कहा, ‘‘इसलिए, हम देख सकते हैं कि आज संसद में जो कुछ कहा गया वह निराधार था।’’ संवाददाता सम्मेलनल के अंत में उन्होंने यह भी कहा, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्री ने संसद में ऐसी जानकारी दी जो इन तथ्यों के अनुरूप नहीं है।’’
इससे पहले, शाह ने राज्यसभा में दावा किया कि केरल सरकार ने पूर्व चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और राज्य में एनडीआरएफ की बटालियन के पहुंचने पर भी सतर्क नहीं हुई।
शाह ने कहा कि भूस्खलन की घटना से सात दिन पहले ही राज्य को चेतावनी दे दी गई थी। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई को भी एक और चेतावनी दी गई थी।
गृह मंत्री ने दावा किया कि अगर केरल सरकार एनडीआरएफ की टीम के वहां पहुंचते ही सतर्क हो गई होती और कार्रवाई की होती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था।
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