देश की खबरें | केजरीवाल की विचारधारा ‘भ्रष्टाचार’ है : भाजपा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर देश में ‘तानाशाही’ को बढ़ाने देने का आरोप लगाने पर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि उसे ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं और न ही सचिवालय जा सकते हैं।

नयी दिल्ली, 11 मई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर देश में ‘तानाशाही’ को बढ़ाने देने का आरोप लगाने पर आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर शनिवार को पलटवार करते हुए कहा कि यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि उसे ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं और न ही सचिवालय जा सकते हैं।

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि 50000 रुपये के मुचलके पर जमानत पर बाहर आये केजरीवाल झूठ फैलाने लगे हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘ केजरीवाल से शालीन व्यवहार की आशा नहीं की जा सकती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली को ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते और न ही सचिवालय जा सकते हैं।''

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक धनशोधन मामले में केजरीवाल को इस शर्त पर जमानत दी कि वह एक जून तक जमानत पर रहने के दौरान अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जायेंगे।

शीर्ष न्यायालय ने केजरीवाल को तबतक किसी भी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर करने से भी रोक दिया है । उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए यदि फाइल पर दस्तखत करना बहुत ही जरूरी होगा, तो वह अपवाद होगा।

सचदेवा ने आरोप लगाया कि ‘भ्रष्टाचार’ केजरीवाल की विचारधारा है और आप ‘भ्रष्टाचार की जननी’ है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उनकी विचारधारा ने दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर बना दिया तथा सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाइयां दी जाती हैं, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों में भ्रष्टाचार हुआ तथा सबसे बड़ी योजना दिल्ली के युवाओं को शराब नीति के मार्फत व्यसन में धकेल देना था।’’

उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अपने और अपनी पार्टी के बारे में सोचने की जरूरत है क्योंकि उनके चार शीर्ष सहयोगी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं।

सचदेवा ने कहा कि दिल्ली के लोगों को तय करना है कि वे जमानत पर बाहर आये ‘भ्रष्ट’ (व्यक्ति) को वोट देना चाहते हैं या कि मोदी सरकार को , जिसने अपनी कल्याणकारी योजनाओं से पिछले 10 सालों से सभी को लाभ पहुंचाते हुए विकास की नयी परि लिखी।

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