नयी दिल्ली, 31 मई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस बात का जवाब देना चाहिए कि आबकारी नीति मामले में अदालतों द्वारा पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं बार-बार क्यों खारिज की जा रही हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर की आबकारी नीति से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सिसोदिया को मंगलवार को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन पर लगे आरोप गंभीर हैं।
उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘ चूंकि सिसोदिया के खिलाफ कदाचार के गंभीर आरोप हैं... वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, वह 18 विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं और गवाह ज्यादातर लोक सेवक हैं, इसलिए गवाहों को प्रभावित किये जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।’’
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि सिसोदिया की जमानत याचिका बार-बार क्यों खारिज की जा रही है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के आरोपपत्र में इस तथ्य का भी जिक्र किया गया है कि हवाला का पैसा गोवा जाता था। कट्टर ईमानदार होने का दावा करने वाली पार्टी (आप) इस खुलासे पर चुप क्यों है ?’’
उन्होंने कहा कि सीबीआई के आरोपपत्र के मुताबिक, इस बात के सबूत हैं कि सिसोदिया को शराब माफिया ने 2.2 करोड़ रुपये दिये और वह पैसा हवाला के जरिए गोवा भेजा गया। उन्होंने कहा ‘‘दिल्लीवासी जानना चाहते हैं कि केजरीवाल का इस बारे में क्या कहना है।’’
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्रों के आधार पर अदालतों ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
ईडी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में धनशोधन मामले की जांच कर रहा है।
उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने पिछले साल आबकारी नीति को वापस ले लिया था।
सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ‘‘घोटाले’’ के लिए ‘‘नैतिक रूप से जिम्मेदार’’ हैं। उन्होंने कहा कि ‘आप’ सांसद संजय सिंह का नाम ईडी के आरोपपत्र में है और वह खुद को बेकसूर बताते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि वह (सिंह) अच्छी तरह जानते हैं कि सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तरह उनके खिलाफ भी पुख्ता सबूत हैं और गिरफ्तार होने पर उन्हें जमानत नहीं मिलेगी।
सचदेवा ने कहा, ‘‘इसलिए सिंह जानबूझकर मीडिया के सामने बयान दे रहे हैं कि आरोपपत्र में उनका नाम नहीं है।’’
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