देश की खबरें | कर्नाटक : कांग्रेस ने कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों के बावजूद मेकेदातु पदयात्रा शुरू की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना को लागू करने की मांग को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस ने कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद रविवार को अपनी 10 दिनों की ‘पदयात्रा’ शुरू की।
रामनगर (कर्नाटक), नौ जनवरी कावेरी नदी पर मेकेदातु परियोजना को लागू करने की मांग को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस ने कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद रविवार को अपनी 10 दिनों की ‘पदयात्रा’ शुरू की।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया के नेतृत्व में ‘नम्मा नीरू नम्मा हक्कू’ (हमारा पानी, हमारा अधिकार) थीम पर पदयात्रा कनकपुरा में कावेरी और अर्कावती नदियों के संगम पर शुरू हुई जो यहां से 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक जाएगी।
सैकड़ों कार्यकर्ताओं, नेताओं और सांस्कृतिक समूहों की भागीदारी में कांग्रेस कोविड प्रतिबंधों और नियमों के उल्लंघन को लेकर राज्य सरकार की कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद तय योजना के तहत पदयात्रा का आयोजन कर रही है।
कर्नाटक सरकार ने कोविड-19 की तीसरी लहर से मुकाबला के लिए 19 जनवरी तक सप्ताहांत में कर्फ्यू लगा दिया है और सार्वजनिक समारोहों को प्रतिबंधित कर दिया है। राज्य सरकार ने रात्रि कर्फ्यू भी लगाया है और सभी रैलियों, धरना, विरोध प्रदर्शनों पर रोक है।
कांग्रेस ने कहा है कि वह कोविड-19 के नियमों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पदयात्रा करेगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, शिवकुमार, सिद्धरमैया, पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली और पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता और विधायक पदयात्रा शुरू होने के पहले दिन कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे।
इस अवसर पर कुछ धार्मिक नेता और अभिनेता विजय, अभिनेता और संगीत निर्देशक साधु कोकिला जैसी कुछ फिल्मी हस्तियां भी नजर आईं। इसे एक गैर-राजनीतिक ‘‘वॉक फॉर वॉटर’’ के रूप में पेश करते हुए कांग्रेस ने विभिन्न मठों, संगठनों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, फिल्मी हस्तियों, कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित अन्य लोगों को पदयात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पदयात्रा को बाधित करने का आरोप लगाते हुए सिद्धरमैया ने भाजपा पर मेकेदातु परियोजना के कार्यान्वयन में देरी करने के लिए तमिलनाडु के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।
सिद्धरमैया ने दावा किया कि परियोजना उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने शुरू की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने पिछले ढाई वर्षों से सत्ता में रहने के बावजूद पर्यावरण मंजूरी नहीं देकर राज्य के लोगों को धोखा दिया है । सिद्धरमैया ने आरोप लगया कि केंद्र सरकार भी इसकी मंजूरी नहीं दे रही क्योंकि भाजपा पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पदयात्रा मेकेदातु परियोजना को लागू करके बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए है, अदालतों या न्यायाधिकरणों या कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा परियोजना पर कोई रोक नहीं है…, भाजपा कितनी भी इसे रोकने की कोशिश कर ले, हमारी पदयात्रा नहीं रुकेगी।’’
कनकपुरा के विधायक शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर जिला प्रशासन से निषेधाज्ञा जारी करने के लिए कहकर पदयात्रा को ‘‘विफल’’ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी।
मेकेदातु से बेंगलुरु तक कांग्रेस का मार्च राज्य के 224 विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग 15 से गुजरेगा। पड़ोसी तमिलनाडु मेकेदातु परियोजना का विरोध कर रहा है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)