जरुरी जानकारी | महाराष्ट्र में मवेशियों के लिए पोशाहार बनाने का कारखाना लगाएगी करगिल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अमेरिका की प्रमुख खाद्य कंपनी करगिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र में दुधारू मवेशियों के लिए पोशाहर का एक संयंत्र स्थापित करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर (लगभग 112 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। यहां बायपास फैट (अनुपूरक सुपाच्य वसा) बनाया जायेगा।

नयी दिल्ली, छह अगस्त अमेरिका की प्रमुख खाद्य कंपनी करगिल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र में दुधारू मवेशियों के लिए पोशाहर का एक संयंत्र स्थापित करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर (लगभग 112 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। यहां बायपास फैट (अनुपूरक सुपाच्य वसा) बनाया जायेगा।

करगिल इंडिया ने पिछले साल 1.2-1.3 अरब डॉलर का राजस्व अर्जित किया था। उसने बाईपास वसा के निर्माण के लिए कुरकुंभ में एक उच्च दबाव वाला हाइड्रोजनीकरण संयंत्र खोला है। इस अनुपूरक वसा का वाणिज्यिक उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है और इसका, वैश्विक ब्रांड कारफे के तहत, विपणन किया जाएगा।

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करगिल बायोइंडस्ट्रीयल, भारत के क्षेत्रीय निदेशक, कीर्ति पीथैयन ने एक आभासी संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने इस संयंत्र को स्थापित करने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर का कुल निवेश किया है। इसकी वार्षिक क्षमता 35,000 टन उत्पादन की है, जिससे यह देश में बाईपास वसा बनाने और विशेष प्रकार के मोम के निर्माण करने वाली बड़ी सुविधा केन्द्रों में से एक बन गई है।’’

बाईपास वसा को डेयरी पशुओं के लिए ऊर्जा का एक स्रोत बताते हुए, उन्होंने कहा कि इससे दूध की पैदावार में 7-10 प्रतिशत तक सुधार होगा और वसा की मात्रा में भी सुधार होगा।

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पीथैयन ने कहा कि भारत दो दशकों से दुनिया में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है, लेकिन उत्पादकता अभी भी कम है।

बाईपास वसा का भारत का बाजार लगभग 30,000- 35,000 टन का है और यह 2025 तक दोगुना होने की उम्मीद है। यौगिक चारा उद्योग 13 -15 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि कंपनी का उद्देश्य बाजार हिस्सेदारी के महत्वपूर्ण हिस्से पर कब्जा करना है।

यह उत्पाद दुनिया भर में विकसित डेयरी मवेशी बाजारों में पहले से ही उपलब्ध है और अब कुरकुंभ में करगिल के नए जैव-इंडस्ट्रीयल प्लांट में स्थानीय रूप से निर्माण किया जाएगा और भारत में डेयरी किसानों और फ़ीड निर्माताओं को उपलब्ध कराया जाएगा।

यह प्लांट एग्री-प्योर नाम से बाजार में विपणन किये जाने वाले और औद्योगिक उपयोग वाले विशेष वनस्पति तेल आधारित मोम का निर्माण भी करेगा, जिसका टायर, प्लास्टिक और मोमबत्ती उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है।

करगिल अपने 1,55,000 की कुल कार्यबल की संख्या के साथ 70 देशों में उपस्थिति है।

भारत में, करगिल ने वर्ष 1987 में परिचालन शुरू किया। इसमें रिफाइंड तेल, खाद्य सामग्री, अनाज और तिलहन, कपास, पशु पोषण, जैव-औद्योगिक और व्यापार संरचित वित्त के कारोबार हैं।

कंपनी, 'नेचर फ्रेश' ब्रांड नाम से गेहूं का आटा बेचती है।

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