देश की खबरें | किसानों की कर्ज माफी को लेकर कमलनाथ ने दी चौहान और सिंधिया को "खुली चुनौती"

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मध्यप्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के प्रचार में कूदे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कहा कि उनकी अगुवाई वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने सूबे में 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

इंदौर, 13 सितंबर मध्यप्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के प्रचार में कूदे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कहा कि उनकी अगुवाई वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने सूबे में 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था।

उन्होंने मौजूदा भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया को "खुली चुनौती" भी दी कि वे उनके इस दावे का खंडन करके दिखायें।

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कमलनाथ जिले के सांवेर क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार प्रेमचंद बौरासी "गुड्डू" के पक्ष में जन सभा को संबोधित कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने इंदौर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर अर्जुन बड़ोदा गांव में आयोजित सभा में कहा, "मेरी सरकार ने राज्य के 26 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। मैं शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुलेआम चुनौती देता हूं कि वह मेरी इस बात का खंडन करके दिखायें।"

कमलनाथ ने कहा कि दल-बदल कर भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया इन दिनों कांग्रेस के खिलाफ "चिल्ला-चिल्लाकर" बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस में रहने के दौरान वह किसान कर्ज माफी को लेकर उनकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती सरकार की तारीफ करते थे।

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उन्होंने राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री चौहान पर झूठी घोषणाएं करने का आरोप लगाते हुए कहा, "मैंने मुख्यमंत्री रहने के दौरान घोषणाओं की राजनीति कभी नहीं की।"

अपनी पूर्ववर्ती सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए कमलनाथ ने कहा, "मैं जनता से पूछना चाहता हूं कि मैंने (मुख्यमंत्री रहने के दौरान) किसानों का कर्ज माफ करके, नया औद्योगिक निवेश लाने के प्रयास करके और माफिया के खिलाफ अभियान छेड़कर आखिर कौन-सा पाप, गुनाह या गलती की थी?"

कमलनाथ ने भाजपा शासित राज्य के पुलिस और प्रशासन पर विपक्षी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के दमन का आरोप लगाते हुए कहा, "आईजी हों या डीआईजी, अपनी वर्दी की इज्जत कीजियेगा। वरना आप खुद समझ लीजियेगा कि उपचुनावों के बाद आपकी वर्दी कहां जायेगी?"

73 वर्षीय कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, "मैं सरकारी अधिकारियों से कहना चाहता हूं कि वे अपनी जेब में भाजपा का बिल्ला रखकर न घूमें।"

सूबे की सत्ता हासिल करने के लिये भाजपा पर प्रजातंत्र और संविधान से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा, "संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने कभी नहीं सोचा था कि देश में बोली लगाकर सौदेबाजी की राजनीति होगी।"

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने तो वोटों से सरकार बनायी थी। अब तो नोटों से सरकार बन गयी। छोटा सौदा तो छिप जाता है। लेकिन बड़ा सौदा छिपता नहीं है।"

गौरतलब है कि सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के बाद तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आयी थी।

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