देश की खबरें | कैलाश गहलोत ने ‘आप’ की सदस्या से दिया इस्तीफा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय राजधानी के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी का साथ छोड़ दिया।

नयी दिल्ली, 17 नवंबर दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता एवं राष्ट्रीय राजधानी के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी का साथ छोड़ दिया।

‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने इस्तीफे में गहलोत ने पार्टी के सामने मौजूद ‘‘गंभीर चुनौतियों’’ की ओर इशारा किया।

पार्टी के अहम नेता गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए ‘‘शीशमहल’’ जैसे कुछ ‘‘शर्मनाक’’ विवादों को भी उठाया और कहा कि इससे सभी को संदेह होता है कि क्या ‘‘हम अब भी खुद को ‘आम आदमी’ मानते हैं।’’

गहलोत ने ‘शीशमहल’ विवाद का जिक्र भाजपा नेताओं के उस आरोप की पृष्ठभूमि में किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने ‘6 फ्लैगस्टाफ रोड’ स्थित अपने पूर्व आधिकारिक आवास पर महंगी चीजों और आधुनिक सुविधाओं पर करोड़ों खर्च किए हैं। भाजपा ने केजरीवाल के आवास को ‘‘शीशमहल’’ कहा था।

नजफगढ़ से विधायक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

‘आप’ नेताओं ने कहा कि गहलोत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के मामलों का सामना कर रहे हैं और उनके पास भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह भाजपा की ‘‘घिनौनी राजनीतिक साजिश’’ है और वह ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करके दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने एक साहसी कदम उठाया है।

सचदेवा ने कहा, ‘‘गहलोत ने उन्हीं मुद्दों को उठाते हुए पद छोड़ा है, जिनके लिए भाजपा केजरीवाल और ‘आप’ के खिलाफ लड़ाई कर रही थी। उनके इस्तीफे से साबित होता है कि ‘आप’ के नेता भी केजरीवाल को ईमानदार नेता नहीं मानते हैं।’’

केजरीवाल को लिखे अपने पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए गहलोत ने कहा कि, ‘‘आम आदमी पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। ये चुनौतियां उन्हीं मूल्यों के लिए हैं जो ‘आप’ में हमें सबको साथ लेकर आई थीं। राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के आगे लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पीछे रह गईं, जिससे कई वादे पूरे नहीं हो पाएं हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘यमुना इसका उदाहरण है जिसे हमने स्वच्छ नदी में बदलने का वादा किया था, लेकिन कभी ऐसा नहीं कर पाए। अब यमुना नदी शायद पहले से भी अधिक प्रदूषित हो गई है।’’

गृह, प्रशासनिक सुधार, आईटी और महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रभारी रहे गहलोत ने कहा कि ‘आप’ लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘एक और दुखद बात यह है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं जिससे दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता गंभीर रूप से कमजोर हो गई हैं। अब यह साफ है कि अगर दिल्ली सरकार केंद्र से ही लड़ती रही तो दिल्ली के विकास में वास्तविक प्रगति नहीं हो सकती।’’

‘आप’ के वरिष्ठ नेता का इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है।

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