नयी दिल्ली, सात मई जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कार्यकारी परिषद ने परिसर में ‘अधिक मजबूत और एकीकृत’ सुरक्षा सेवा शुरू करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दे दी है।
पांच जनवरी 2020 की हिंसा, जिसमें कम से कम 35 लोग घायल हो गए थे और पिछले महीने नवरात्रि के दौरान कथित तौर पर मांसाहार परोसे जाने को लेकर छात्रों के बीच हुई झड़प के बाद छात्र व शिक्षक एक नयी सुरक्षा एजेंसी नियुक्त करने की मांग कर रहे थे।
शिक्षक संघ ने भी शिक्षकों के घरों में जबरन घुसने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर परिसर में सुरक्षा का मुद्दा उठाया था।
जेएनयू ने एक बयान जारी कर कहा कि पांच मई को हुई विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की 300वीं बैठक में जेएनयू द्वारा आवंटित सभी दुकानों के लिए लाइसेंस शुल्क का 70 प्रतिशत माफ करने को मंजूरी दी गई, जो कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान बंद थीं।
बयान के अनुसार, ‘‘परिषद ने संयुक्त डिग्री/ट्विनिंग कार्यक्रम और विदेश में परिसर खोलने आदि को लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) में परिकल्पित लक्ष्य के तहत विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय मामलों का कार्यालय स्थापित करने का संकल्प लिया।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘परिषद ने विश्वविद्यालय में अधिक मजबूत एकीकृत सुरक्षा सेवा को शामिल करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने को भी मंजूरी दी।’’
विश्वविद्यालय के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय ने छात्रों, संकाय और कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मियों के लाभ के लिए स्वास्थ्य केंद्रों को सुव्यवस्थित करने को लेकर स्वास्थ्य अवसंरचना एवं सेवा समीक्षा समिति की सिफारिशों को भी मंजूरी दी।
इसके अलावा, एमफिल/पीएचडी करने वाली महिला शोधार्थियों को मातृत्व एवं बाल देखभाल के लिए 240 दिनों तक के अवकाश की अनुमति प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया।
बयान में कहा गया है कि परिषद ने 700 से अधिक रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षण और गैर-व्यावसायिक कर्मचारियों के मसौदा काडर भर्ती नियमों को शिक्षा मंत्रालय को भेजने को स्वीकृति दी।
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