झारखंड: अदालत ने धर्मांतरण मामले में तारा शाहदेव के पूर्व पति को उम्रकैद की सजा सुनाई
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को तारा शाहदेव धर्मांतरण मामले में उनके पूर्व पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
रांची, 5 अक्टूबर : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को तारा शाहदेव धर्मांतरण मामले में उनके पूर्व पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. विशेष सीबीआई न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने शाहदेव के पूर्व पति रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को आजीवन कारावास, उनकी पूर्व सास कौशल रानी को 10 साल कैद और मुश्ताक अहमद को 15 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को मामले में तीनों को दोषी ठहराया था और सजा सुनाए जाने के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की थी. रकीबुल हसन के वकील मुख्तार अहमद खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगे क्योंकि इसके लिए पर्याप्त सबूत हैं। हमें ऊपरी अदालत से न्याय मिलने का भरोसा है.’’ शाहदेव ने अपनी शिकायत में कहा था कि उन्होंने सात जुलाई 2014 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन से शादी की थी, लेकिन शादी के दूसरे दिन ही उनके पति और अहमद उन पर धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बनाने लगे. अहमद उस समय सतर्कता रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत था.
सीबीआई ने 2015 में जांच अपने हाथ में ली थी और दिल्ली में मामला दर्ज किया था. शाहदेव को क्रूरता के आधार पर जून 2018 में रांची की एक परिवार अदालत ने तलाक दे दिया था. शाहदेव ने अदालत में याचिका दायर की थी कि हसन ने अपने धर्म के बारे में गलत जानकारी दी थी और उन्हें शादी के लिए धोखा दिया था. शाहदेव ने हसन पर इस्लाम अपनाने से इनकार करने पर उन्हें प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था.
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