देश की खबरें | प्रधानमंत्री के दौरे से पहले जदयू ने नये सिरे से विशेष दर्जे की मांग उठाई

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे से पहले सोमवार को एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई।

पटना, 11 जुलाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे से पहले सोमवार को एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई।

जद (यू) संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एक लंबे फेसबुक पोस्ट में मोदी को ‘‘वैचारिक मतभेदों के बावजूद’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपनी पार्टी के पुराने संबंधों की याद दिलाते हुए यह मांग उठाई।

बाद में कुशवाहा ने पत्रकारों के समक्ष स्पष्ट किया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि प्रधानमंत्री मंगलवार को अपनी यात्रा के दौरान ऐसी कोई घोषणा करेंगे। कुशवाहा ने 2014 से 2018 तक मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में भी काम किया है।

मोदी मंगलवार शाम को बिहार की राजधानी पहुंचने वाले हैं, जो अक्टूबर-नवंबर, 2020 के बाद राज्य की उनकी पहली यात्रा होगी। उस वक्त मोदी ने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनतांत्रकि गठबंधन के लिए एक गहन अभियान का नेतृत्व किया था।

मोदी के यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक उन्हें यहां के ऐतिहासिक विधानसभा परिसर के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होना है।

कुशवाहा ने कहा, ‘‘मैंने अपने फेसबुक पोस्ट में प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया है जिनके नेतृत्व में मुझे काम करने का सौभाग्य मिला है। मैंने उन समानताओं पर भी प्रकाश डाला है, जो वह हमारे मुख्यमंत्री के साथ साझा करते हैं, दोनों की ही सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी के कारण प्रतिष्ठा है।’’

उन्होंने कहा कि जहां तक ​​उनकी पार्टी का सवाल है, विशेष दर्जे की मांग लंबे समय से चली आ रही है।

हालांकि, उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि क्या यह मांग राज्य भाजपा को शर्मिंदा करने के लिए उठाई गई थी, जिसके साथ उनका टकराव रहा हैं।

कुशवाहा ने 2013 में नीतीश कुमार से नाता तोड़ कर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी बनाई थी। उन्होंने पिछले साल अपनी पार्टी का जद (यू) में विलय कर दिया, जिसे मुख्यमंत्री के अपने अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आधार को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा गया था।

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