खेल की खबरें | गत चैंपियन भारत को एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी के सेमीफाइनल में जापान ने 5-3 से हराया
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. गत चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत को उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी (एसीटी) पुरुष हॉकी टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफाइनल में मंगलवार को यहां जापान के खिलाफ 3-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
ढाका, 21 दिसंबर गत चैंपियन और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत को उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी (एसीटी) पुरुष हॉकी टूर्नामेंट के दूसरे सेमीफाइनल में मंगलवार को यहां जापान के खिलाफ 3-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी।
मैच शुरू होने से पहले भारत को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था जिसने अपने अंतिम राउंड रोबिन मैच में इसी टीम को 6-0 से शिकस्त दी थी। भारत का जापान के खिलाफ जीत-हार का रिकॉर्ड भी अच्छा है लेकिन विरोधी टीम ने सेमीफाइनल में गत चैंपियन टीम को चौंका दिया।
मंगलवार को जापान की टीम बिलकुल बदली हुई नजर आई और उसने शुरुआत से ही मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम की रक्षा पंक्ति को भेदना शुरू कर दिया।
जापान को शोता यमादा ने पहले ही मिनट में पेनल्टी पर गोल दागकर बढ़त दिलाई जबकि रेइकी फुजिशिमा (दूसरे मिनट), योशिकी किरिशिता (29वें मिनट), कोसेई कवाबे (35वें मिनट) और रयोमा ओका (41वें मिनट) ने भी गोल दागे।
भारत की ओर से हार्दिक सिंह (17वें और 58वें मिनट) ने दो जबकि उप कप्तान हरमनप्रीत सिंह (43वें मिनट) ने एक गोल किया।
भारत और जापान की टीम इससे पहले 18 बार आमने सामने थी जिसमें से भारत ने 16 मैचों में जीत दर्ज की जबकि उसे एक मैच में हार का सामना करना पड़ा और एक मुकाबला ड्रॉ रहा।
जापान खिताबी मुकाबले में दक्षिण कोरिया से भिड़ेगा जबकि बुधवार को कांस्य पदक के प्ले आफ में भारत का सामना पाकिस्तान से होगा। दक्षिण कोरिया ने एक अन्य सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 6-5 से हराया।
भारत राउंड रोबिन चरण में अजेय रहता हुआ शीर्ष पर रहा था।
भारतीय टीम जापान के खिलाफ पिछले मैच के प्रदर्शन को दोहराने में नाकाम रही और विरोधी टीम ने मुकाबले की तेज शुरुआत करते हुए पहले दो मिनट में ही 2-0 की बढ़त बना ली।
जापान ने पहले क्वार्टर में पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा। टीम के दबदबे का अंदाजा इस बात से लगता है कि उसे पहले छह मिनट में छह पेनल्टी कॉर्नर मिले जिन पर दो गोल हुए। टीम को पहले मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर मिला जिससे टीम ने पेनल्टी स्ट्रोक हासिल किया और यमादा ने कोई गलती नहीं करते हुए जापान का खाता खोल दिया।
एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने इसके बाद भी भारतीय रक्षा पंक्ति पर दबाव बरकरार रखा और डेढ़ मिनट में पांच और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए जिसमें से एक को फुजिशिमा ने गोल में बदला।
भारत ने पहले क्वार्टर में निराश किया और टीम शुरुआती 15 मिनट में गोल करने का कोई मौका नहीं बना सकी।
भारत ने दूसरे क्वार्टर में बेहतर प्रदर्शन किया। हार्दिक सिंह ने कप्तान मनप्रीत और दिलप्रीत सिंह के मूव पर 17वें मिनट में मैदानी गोल दागकर जापान की बढ़त को कम किया।
भारत को 19वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन नीलम संजीप के प्रयास को जापान के गोलकीपर ने नाकाम कर दिया।
जापान ने पलटवार जारी रखते हुए भारतीय डिफेंस पर दबाव बरकरार रखा। ऐसे ही एक पलटवार पर जापान को भारतीय गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक के फाउल पर पेनल्टी स्ट्रोक मिला और किरिशिता ने इसे गोल में बदलकर स्कोर मध्यांतर से पहले 3-1 कर दिया।
मध्यांतर के बाद कवाबे और ओका ने एक-एक गोल दागकर जापान को 5-1 से आगे कर दिया।
हरमनप्रीत ने 43वें मिनट में भारत के दूसरे पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर 2-5 किया।
भारत ने इसके बाद हमले तेज किए। टीम को दो पेनल्टी कॉर्नर भी मिले लेकिन दोनों बर्बाद हो गए।
मैच खत्म होने में जब एक मिनट से कुछ अधिक का समय बचा था तब भारत को पांचवां पेनल्टी कॉर्नर मिला और हार्दिक ने वैरिएशन पर अपना मैच का दूसरा गोल दागा।
भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह नतीजे से काफी निराश दिखे।
उन्होंने कहा, ‘‘यह वह नतीजा नहीं है जो हम चाहते थे। शुरुआत में हम धीमे थे और दो गोल जल्दी खा लिए। हमारे लिए बड़ा सबक कि हम किसी टीम को कमतर नहीं आंक सकते। हमें कल के मैच के लिए तैयार होना होगा। ’’
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