Jammu Kashmir: 2020 से अबतक कश्मीर में 226 आतंकवादी मारे गए, पत्थरबाजी में आई भारी कमी- सीआरपीएफ

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बृहस्पतिवार को बताया कि वर्ष 2020 से अबतक जम्मू-कश्मीर में 226 आतंकवादी मारे गए हैं जबकि 296 आतंकवादियों को पकड़ा गया है. सीआरपीएफ के नव नियुक्त महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने बताया कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में भी ‘भारी कमी’ आई है लेकिन यह पूरी तरह से बंद नहीं हुई है.

सुरक्षाबल (File Photo)

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने बृहस्पतिवार को बताया कि वर्ष 2020 से अबतक जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में 226 आतंकवादी मारे गए हैं जबकि 296 आतंकवादियों (Terrorists) को पकड़ा गया है. सीआरपीएफ के नव नियुक्त महानिदेशक (डीजी) कुलदीप सिंह ने बताया कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी (Stone Pelting) की घटनाओं में भी ‘भारी कमी’ आई है लेकिन यह पूरी तरह से बंद नहीं हुई है. सीआरपीएफ के स्थापना की 82वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने बताया कि पहले के मुकाबले पत्थरबाजी की घटनाएं कम होकर 10 प्रतिशत रह गयी हैं. उन्होंने बताया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में बल राज्य पुलिस और भारतीय सेना (Indian Army) के साथ करीबी समन्वय कर काम कर रहा है और वर्ष 2020 में 215 आतंकवादी मारे गए जबकि इस साल अबतक 11 आतंकवादी ढेर हुए हैं.’’

सिंह ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले ही हमने दो अलग-अलग अभियानों में चार आतंकवादियों को मार गिराया था. इनमें जैश-ए मोहम्मद का शीर्ष कमांडर सज्जाद अफगानी भी शामिल था जिसे शोपिया में चलाए गए संयुक्त अभियान में मार गिराया गया.’’ उन्होंने बताया कि इसी अवधि में सुरक्षाबलों ने 296 आतंकवादियों को पकड़ा जबकि आठ ने आत्मसमर्पण किया. सिंह ने बताया कि सीआरपीएफ ने इस अवधि में 378 हथियार और 41 इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) बरामद की जबकि 275 मुठभेड़/हमले की घटनाएं भी इस दौरान हुई. यह भी पढ़ें- Kashmir: कश्मीर में मारा गया जैश का टॉप कमांडर सज्जाद अफगानी.

जम्मू-कश्मीर में ‘स्टीकी बम’ (चिपकाने वाले बम) के खतरे पर सिंह ने कहा, ‘‘ वाहनों की जांच करने के दौरान हम इसके खतरे का ध्यान रखते है. हालांकि, अभी तक हमें किसी भी घटना में स्टीकी बम नहीं मिले हैं लेकिन हां, यह चुनौती है. हम जानते हैं, वे (आतंकवादी) इसका इस्तेमाल कर सकते हैं और सुरक्षाबलों को इस बारे में हमने आगाह किया है.’’

उन्होंने कहा कि आरोपियों की निशानदेही पर कई इलाकों से कुछ स्टीकी बम मिले हैं. उन्होंने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में काफी हद तक सामान हालात बहाल कर दी गई है. सिंह ने कहा, ‘‘पहले इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक थी लेकिन अब उसे भी हटा लिया गया है.’’

भारतीय पुलिस सेवा के 1986 बैच में पश्चिम बंगाल काडर के अधिकारी सिंह ने बताया कि जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए केंद्र शासित प्रदेश में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए थे लेकिन वे लौट चुके हैं और अब जवानों की समान तैनाती है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएसपीएफ) की 265 कंपनिया जम्मू-कश्मीर से लौट चुकी हैं.

आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान कुछ घरों के क्षतिग्रस्त होने और गैर सैनिकों की संपत्ति के नुकसान से बचने की किसी नीति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘यह नीति का मुद्दा नहीं है. हमारा अनुभव है कि जहां मुठभेड़ होती है और अगर आतंकवादी उसी गांव का है तो बड़ी संख्या में लोग जमा हो जाते हैं और पत्थरबाजी होती है. सुरक्षाबलों को रोकने के लिए आगजनी होती है, आगजनी की इस घटना में आग लगने की कुछ संभावना बनी रहती है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में वे खुद आग लगा देते हैं ताकि आतंकवादी सुरक्षाबलों की घेराबंदी से भाग सके. सीआरपीएफ के पास दोनों मोर्चों पर लड़ने की अनोखी कला है, बल के जवान एक ओर प्रणघातक हथियारों का सामना करते हैं तो दूसरी ओर भीड़ से गैर प्राणघातक हथियारों से निपटते हैं. आगामी अमरनाथ यात्रा के बारे में सिंह ने कहा कि पिछले साल यात्रा नहीं हुई थी, इस साल यात्रा होनी है और इसे शांतिपूर्ण एवं सुचारु तरीके से कराने की व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी से अबतक 80 जवानों की मौत हुई है.

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