देश की खबरें | जम्मू कश्मीर: न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे, ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी जारी

श्रीनगर, 12 जनवरी कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार दूसरे दिन हिमपात जारी रहा और पूरी घाटी में रात का तापमान जमाव बिंदु से नीचे चला गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने कहा कि सोनमर्ग, गुलमर्ग, पहलगाम और कश्मीर के अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में पिछले 24 घंटे के दौरान हिमपात जारी रहा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के मैदानी क्षेत्र के कई इलाकों में रुक-रुक कर हल्की बारिश हुई।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही जारी है, जबकि घाटी को जम्मू क्षेत्र से जोड़ने वाली वैकल्पिक सड़क मुगल रोड और श्रीनगर-लेह राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि कम दृश्यता के कारण यहां श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन में कुछ देरी हुई। हालांकि दृश्यता में सुधार के बाद दोपहर में उड़ानों का संचालन बहाल हुआ।

मौसम कार्यालय ने कहा है कि कश्मीर और जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों में व्यापक स्तर पर हल्की बारिश और कुपवाडा़, बांदीपोरा, गांदरबल तथा बारामूला के ऊंचे इलाकों में बृहस्पतिवार शाम को हल्का से मध्यम हिमपात होने की उम्मीद है। शुक्रवार को कई जगहों पर हल्का हिमपात और बारिश की संभावना है, जबकि उसके बाद 18 जनवरी तक मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहेगा।

रात का तापमान घट गया और पूरी घाटी में जमाव बिंदु से नीचे रहा, लेकिन मौसम के इस हिस्से में यह सामान्य से ऊपर रहा।

अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में बुधवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो मंगलवार की रात 3.5 डिग्री सेल्सियस था। उन्होंने कहा काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में शून्य से 2.8 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। कुपवाड़ा में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से ऊपर शून्य से 0.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया।

अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि बारामूला जिले के गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई कलां’ की चपेट में है, 40 दिनों की सबसे कठोर मौसमी अवधि में हिमपात की संभावना सबसे अधिक होती है। चिल्लई कलां 21 दिसंबर को शुरू होता है और 30 जनवरी को समाप्त होता है। उसके बाद 20 दिनों तक ‘चिल्लई खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों तक ‘चिल्लई बच्चा’ होता है।

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