देश की खबरें | अनंतनाग में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लश्कर के दो आतंकियों को 'घेरा'

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जम्मू कश्मीर में बुधवार को हुये मुठभेड़ में शामिल आतंकवादियों के सफाए का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल के चार सदस्य शहीद हो गए थे। पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के ऊंचे इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर लेने’ का दावा किया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

श्रीनगर, 14 सितंबर जम्मू कश्मीर में बुधवार को हुये मुठभेड़ में शामिल आतंकवादियों के सफाए का अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल के चार सदस्य शहीद हो गए थे। पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के ऊंचे इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर लेने’ का दावा किया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को तड़के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के गडोले के जंगलों में गोलियों की आवाज सुनी गई। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के सफाए के लिए इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा गया है। आतंकवादी संभवत: पहाड़ों में बने एक प्राकृतिक गुफा में छिपे हुए हैं।

अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टरों को गडोले के जंगलों के ऊपर मंडराते देखा गया क्योंकि सेना और पुलिसकर्मियों ने इलाके के चारों ओर कड़ी घेराबंदी कर रखी है। पूरे दिन गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

इससे पहले दिन में, पुलिस ने कहा कि उसने अनंतनाग जिले में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ‘घेर’ लिया है, जहां सुरक्षा बल के चार जवान - 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोचक, पुलिस उपाधीक्षक हुमायू भट्ट और एक सैनिक - बुधवार को मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।

कश्मीर जोन पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोचक और डीएसपी हुमायूं भट्ट की अटूट वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि, जिन्होंने इस अभियान के दौरान अपने जीवन का बलिदान कर दिया। हमारी सेनाएं उजैर खान सहित लश्कर के दो आतंकवादियों को घेरने के लिए अटूट संकल्प के साथ डटी हुई हैं।’’

भट्ट को हुमहामा स्थित उनके पारिवारिक घर के पास एक कब्रिस्तान में दफनाया गया, जबकि कर्नल सिंह और मेजर ढोचक के पार्थिव शरीर को आज दोपहर कोकेरनाग से बादामीबाग में सेना के 92 बेस अस्पताल हवाई मार्ग से ले जाया गया।

अधिकारियों ने कहा कि सेना, पुलिस और नागरिक प्रशासन के शीर्ष अधिकारी, शहीद अधिकारियों को श्रद्धांजलि देंगे और उसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थानों पर भेजा जाएगा।

इस बीच, बड़ी संख्या में लोग कर्नल सिंह और मेजर ढोचक के आवास पर पहुंचे और कुछ लोगों ने कहा कि सेना को इस कायरतापूर्ण कृत्य के लिए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

सुबह कई ग्रामीण कर्नल सिंह (मोहाली के मुल्लांपुर में) और मेजर ढोंचक (पानीपत में) के घर पहुंचे। दोनों सैन्य अधिकारियों के परिवार गमगीन थे।

इस घटना के विरोध में बृहस्पतिवार को जम्मू के विभिन्न हिस्सों में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन हुए।

पनुन कश्मीर और एक सनातम भारत दल ने शहीद कर्मियों को श्रद्धांजलि दी और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के वरिष्ठ नेता अरुण प्रभात के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पक्का डांगा में विरोध प्रदर्शन किया और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समर्थन देने और बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की।

लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाए तथा उसके झंडे जलाए। प्रभात ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता के बाद पाकिस्तान भारत की लोकप्रियता से बौखला गया है। यही कारण है कि वे जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। वे क्षेत्र में परेशानी पैदा करना चाहते हैं।’’

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