Jammu-Kashmir: मस्जिद में धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर किए जाने संबंधी खबरों की जांच की मांग
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,‘‘जदूरा में एक मस्जिद में सुरक्षाकर्मियों के घुसने की खबरें बहुत ही परेशान करने वाली हैं. उनका प्रवेश करना ही गलत है, लेकिन इसके बाद, लोगों को धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करना अस्वीकार्य है.’’
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित कई नेताओं ने पुलवामा जिले में कुछ सैन्यकर्मियों द्वारा एक मस्जिद के अंदर नमाजियों को धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर किए जाने के आरोप से संबंधित खबरों की जांच की मांग की है. थलसेना और पुलिस, दोनों ने ही इस विषय पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन दोनों प्रतिष्ठानों के सूत्रों ने कहा कि दक्षिण कश्मीर जिले के जदूरा गांव में हुई कथित घटना की आंतरिक जांच जारी है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,‘‘जदूरा में एक मस्जिद में सुरक्षाकर्मियों के घुसने की खबरें बहुत ही परेशान करने वाली हैं. उनका प्रवेश करना ही गलत है, लेकिन इसके बाद, लोगों को धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करना अस्वीकार्य है.’’ Tamil Nadu Accident: तमिलनाडु में सरकारी बस और कार की भीषण टक्कर, हादसे में 5 की मौत, 34 लोग घायल
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि राजनाथ सिंह जी (रक्षा मंत्री) इन खबरों की समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से जांच के लिए निर्देश जारी करेंगे.’’ पीडीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया में एक ट्वीट में कहा, ‘‘50 आरआर के सैनिकों के पुलवामा में एक मस्जिद में घुसने और उसके अंदर मुस्लिमों को नारे लगाने के लिए मजबूर करने के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं.’’
उन्होंने घटना की तुरंत जांच कराने की मांग करते हुए कहा, ‘‘जब अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) यहां हैं और वह भी (अमरनाथ) यात्रा से पहले, इस तरह का कदम उकसाने का एक कृत्य है.’’ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी कथित घटना की निंदा की और सरकार से मामले की जांच करने का आग्रह किया.
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं पुलवामा में मस्जिद में हुई कथित घटना की कड़ी निंदा करता हूं.’’
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख एवं पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने कहा कि वह घटना के बारे में सुनकर स्तब्ध हैं. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सज्जाद लोन ने कहा, ‘‘यह घटना अत्यधिक निंदनीय है. और साथ ही, बहुत भयावह भी.’’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एम वाई तारिगामी ने मांग की कि मामले में पारदर्शी एवं त्वरित तरीके से जांच की जाए. उन्होंने कहा कि दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.
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