जयपुर, दो अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि राज्य में नए मुख्यमंत्री के नाम पर विधायकों में नाराजगी क्यों है।
उन्होंने कहा, ‘‘नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति किए जाने पर 80 से 90 फीसदी विधायक पाला बदल लेते हैं, वे नए नेता के साथ हो जाते हैं, मैं इसे गलत भी नहीं मानता, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ।’’
गहलोत ने सचिन पायलट का नाम लिए बिना कहा, ‘‘जब नए मुख्यमंत्री के आने की संभावना थी तो क्या कारण था कि उनके नाम से ही विधायक बुरी तरह से भड़क गए, जो आज तक कभी नहीं हुआ... उन्हें इतना भय किस बात का था... क्या उनके मन में कुछ चल रहा था और सबसे बड़ी बात तो यह है कि कैसे उन्हें इस बारे में मालूम पड़ा।’’
दरअसल, गहलोत को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। इससे राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन और पायलट को नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच गहलोत के वफादार कई विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
हालांकि, गहलोत ने बाद में घोषणा की थी कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सचिवालय में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘मैं जैसलमेर में था... मैं अंदाजा नहीं लगा पाया, लेकिन विधायकों ने कैसे भांप लिया कि कौन नया मुख्यमंत्री बनने जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेताओं को भी सोचना चाहिए कि यह स्थिति क्यों उत्पन्न हुई है... क्यों विधायकों में आक्रोश पैदा हुआ है।’’
गहलोत ने यह भी कहा, ‘‘पर्यवेक्षक एक बहुत बड़ा पद है। पर्यवेक्षक को चाहिए कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के प्रतिनिधि के तौर पर आए हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष का जो व्यक्तित्व है, जो दृष्टिकोण है, जो व्यवहार है, जो उनका कद है, वह (पर्यवेक्षक) उसी के हिसाब से काम करें।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारे लिए राजस्थान में चुनाव जीतना बेहद आवश्यक है। राजस्थान में जीतेंगे तो आगे के चुनाव में विजय हासिल करने की कांग्रेस की संभावना बढ़ेगी... पार्टी मजबूत होगी। देशवासी चाहते हैं कि कांग्रेस दोबारा एक मजबूत पार्टी के रूप में उभरकर सामने आए।’’
राजस्थान में अब भी मुख्यमंत्री को बदले जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा, ‘‘मैं अपना काम कर रहा हूं और इस संबंध में कोई भी फैसला पार्टी आलाकमान को लेना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अगस्त में ही मैडम (सोनिया गांधी) और अजय माकन से कह दिया था कि मैं मुख्यमंत्री रहूं, यह जरूरी नहीं है। मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ सकता हूं। मैंने कहा था कि मैं पार्टी का समर्थन करना और उसके पक्ष में प्रचार करना जारी रखूंगा, क्योंकि कांग्रेस पार्टी को दोबारा खड़ा करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।’’
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