यरुशलम: इजराइल (Israel) ने बुधवार को बताया कि उसने ‘मैसिव इंफ्लेटबल मिसाइल डिटेक्टर सिस्टम’ का परीक्षण शुरू किया है जो ऊंचाई पर लंबी दूरी से आ रहे खतरे का पता लगा सकता है. इजराइल के पास पहले ही जटिल मिसाइल रक्षा प्रणाली है जिसका सफलतापूर्वक इस्तेमाल उसने इस साल 11दिन के गाजा पट्टी युद्ध में किया था. भारत ने 5,000 किलोमीटर तक प्रहार की क्षमता वाली अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया
‘हाई अवैलबिलिटी एयरोस्टैट सिस्टम’ विशाल विमान या जेपलिन (एक प्रकार का हवाई जहाज जो हल्की गैस से उड़ता है) की तरह दिखता है. इजराइली रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह दुनिया की अपनी तरह की सबसे बड़ी प्रणालियों में से एक है. इसे इजराइल की सरकारी कंपनी ‘इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज’ ने अमेरिकी कंपनी टीसीओएम की साझेदारी से बनाया है.
उल्लेखनीय है कि इजराइल ने ईरान, लेबनान में सक्रिय चरपमंथी संगठन हिज्बुल्ला और गाजा में शासन कर रहे हमास के संभावित खतरे से निपटने के लिए हाल के वर्षों में आक्रामक रुख अपनाया है. ये तीनों ही इजराइल के शहरों पर रॉकेट से हमला करने में सक्षम हैं.
The Israel Missile Defense Organization has begun testing an Elevated Sensor system designed to detect incoming threats. It is comprised of a High Availability Aerostat System & an advanced radar. It will operate at high altitudes, providing detection & early warning capabilities pic.twitter.com/iA6izEU9KU
— Ministry of Defense (@Israel_MOD) November 3, 2021
गाजा युद्ध के दौरान हमास ने तेल अवीव की ‘आयरन डोम’ रक्षा प्रणाली को भेदने के लिए बड़ी संख्या में रॉकेट दागे थे लेकिन इजराइल अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 90 प्रतिशत रॉकेट को निष्क्रिय कर दिया.
इजराइल ने इसके जवाब में हवाई हमले किए और कहा कि वह आतंकवादियों को निशाना बना रहा है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक इस लड़ाई में 250 फलस्तीनियों की मौत हो गई जिनमें 129 आम नागरिक थे. इस दौरान 13 इजराइलियों की भी जान गई.