जरुरी जानकारी | भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति बहाल करने की संभावना तलाश रहा ईरानः अधिकारी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. ईरान द्वारा भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति फिर से शुरू करने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है। वह चाबहार बंदरगाह के जरिये पेट्रो-रसायन समेत समग्र कारोबार का विस्तार करने का इच्छुक है। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

नयी दिल्ली, दो जनवरी ईरान द्वारा भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति फिर से शुरू करने के तरीकों पर विचार किया जा रहा है। वह चाबहार बंदरगाह के जरिये पेट्रो-रसायन समेत समग्र कारोबार का विस्तार करने का इच्छुक है। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

ईरानी अधिकारी ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि आगामी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में ईरान के प्रति व्यवहार पहले कार्यकाल की तरह रहने की संभावना नहीं है क्योंकि चीन के रणनीतिक ताकत बढ़ाने के साथ वैश्विक भू-राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में अपने पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए थे। ईरान की अर्थव्यवस्था पर निगरानी बढ़ाने के साथ 2015 के परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग भी कर दिया गया था।

ईरानी कच्चे तेल की भारत को आपूर्ति दोबारा शुरू करने की वकालत करते हुए इस अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्षों को एक रास्ता खोजने की ज़रूरत है। अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारत ने वर्ष 2019 के मध्य में ईरान से कच्चे तेल की खरीद बंद कर दी थी।

अपना नाम सामने न आने की शर्त पर ईरानी अधिकारी ने कहा, ‘इस मुद्दे पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।’

उन्होंने पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से भारत के कच्चा तेल खरीदना जारी रखने पर कहा, ‘रूस और ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों की परिस्थितियां अलग-अलग हैं। हमें यह देखना होगा कि इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जा सकता है। हम भारत के लिए कोई मुश्किल नहीं चाहते हैं।’’

इसके साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि भारत और ईरान के बीच इस बारे में चर्चा हो रही है।

अधिकारी ने कहा कि चाबहार बंदरगाह के विकास ने भारत और ईरान के लिए व्यापार और आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किए हैं। यह बंदरगाह ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे से बाहर है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि चाबहार बंदरगाह के आसपास कई अवसर हैं और यह आर्थिक संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु हो सकता है। भारत ने बंदरगाह के आसपास पेट्रोरसायन उद्योगों में सहयोग में रुचि दिखाई है।’’

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