इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश 2019-20 में 27 प्रतिशत घटकर 81,600 करोड़ रुपये
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है।
नयी दिल्ली, सात मई निवेशकों ने 2019-20 में इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं में 81,600 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह वित्त वर्ष 2018-19 में किये गये 1.12 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 27 प्रतिशत कम है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों से इसकी जानकारी मिली है।
हालांकि, यह लगातार छठा साल है, जब इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में शुद्ध निवेश हुआ है। पिछले वित्त वर्ष में कम निवेश का कारण शेयर बाजारों की अस्थिरता रही, जिससे निवेशकों ने नये निवेश में कमी की।
आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) समेत इक्विटी फंड में पिछले वित्त वर्ष में 81,600 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। यह 2018-19 में 1,11,858 करोड़ रुपये था।
इन निधियों में 2017-18 में 1,71,069 करोड़ रुपये, 2016-17 में 70,367 करोड़ रुपये, 2015-16 में 74,024 करोड़ रुपये और 2014-15 में 71,029 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ था। हालांकि, 2013-14 में 9,269 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी देखी गयी थी।
पिछले वित्त वर्ष में निवेशकों ने मार्च में 11,485 करोड़ रुपये डाले, जो इस वर्ष का उच्चतम स्तर था। इसके अलावा, उन्होंने फरवरी में 10,730 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो 11 महीनों का उच्चतम स्तर था।
कोरोनो वायरस महामारी के कारण बाजार में उथल-पुथल के बाद भी यह निवेश आया।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक-प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि महामारी की वजह से शेयर बाजारों में व्यापक अस्थिरता ने निवेशकों को फरवरी और मार्च में इक्विटी फंड में निवेश करने से नहीं रोका।
मार्च, 2020 के अंत में इन फंड की कुल प्रबंधित संपत्ति घटकर 6.03 लाख करोड़ रुपये रह गई, जो मार्च 2019 में 7.73 लाख करोड़ रुपये थी। हालांकि, एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का उद्योग में योगदान 2018-19 में 92,693 करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये हो गया।
उद्योग ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान औसतन 9.95 लाख एसआईपी खाते जोड़े, जिनका औसत आकार 2,750 रुपये था।
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