जयपुर, 22 जुलाई राजस्थान सरकार ने कर चोरी की सूचना देने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य राजस्व आसूचना निदेशालय (एसडीआरआई) में संचालित मुखबिर प्रोत्साहन योजना को राजस्व अर्जन से संबंधित राज्य सरकार के सभी विभागों में लागू करने को मंजूरी दे दी है।
सरकारी बयान के अनुसार, मुखबिर के रूप में आमजन के साथ-साथ सरकारी कर्मी और अधिकारी भी इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि के हकदार हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही राजस्व से संबंधित राज्य सरकार के विभागों, जैसे-वाणिज्य कर, परिवहन, खान एवं भू-विज्ञान, पंजीयन एवं मुद्रांक तथा आबकारी आदि में वर्तमान में चल रही अलग-अलग मुखबिर प्रोत्साहन योजनाओं का समावेश प्रस्तावित योजना में किया जाएगा।
इसके अनुसार, इससे मुखबिरों को देय नकद प्रोत्साहन राशि में एकरूपता आएगी। मुखबिर को देय अंतरिम प्रोत्साहन राशि की सीमा अधिकतम एक लाख रुपए नकद तक होगी तथा अंतिम प्रोत्साहन राशि की सीमा अधिकतम 25 लाख रुपये तक होगी।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने राज्य बजट 2021-22 में इस संबंध में घोषणा की थी।
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