जरुरी जानकारी | भारत की वृद्धि दर 2022 में 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान, लेकिन 2021 में परिदृश् नाजुक: संरा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022 में 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है और वह उस समय दुनिया के प्रमुख देशों में तीव्र वृद्धि दर हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था होगी। हालांकि, उसने कहा कि 2021 का वृद्धि परिदृश्य अभी ‘काफी नाजुक’ दिख रहा है। इसका कारण देश में माहामारी का तेजी से फैलना है।

संयुक्त राष्ट्र, 11 मई संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को कहा कि भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022 में 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है और वह उस समय दुनिया के प्रमुख देशों में तीव्र वृद्धि दर हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था होगी। हालांकि, उसने कहा कि 2021 का वृद्धि परिदृश्य अभी ‘काफी नाजुक’ दिख रहा है। इसका कारण देश में माहामारी का तेजी से फैलना है।

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना (डब्ल्यूईएसपी) रिपोर्ट की मध्यावधि समीक्षा में कहा कि भारत की वृद्धि दर 2022 में 10.1 प्रतिशत रहेगी। यह जनवरी में जारी रिपोर्ट में 5.9 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले लगभग दोगुनी है।

इसमें कहा गया है कि 2022 में 10.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में तीव्र गति से वृद्धि हासिल करने वाला देश होगा और इस मामले में चीन से भी आगे होगा।

रिपोर्ट में चीन की वृद्धि दर 2022 में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो 2021 में 8.2 प्रतिशत की संभावना से कम है।

अद्यतन की गयी मध्यावधि रिपोर्ट में भारत की वद्धि दर 2021 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। जबकि 2020 में इसमें 6.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।

मध्यावधि समीक्षा में भारत को लेकर जताये गये अनुमान पूर्व के अनुमान से बेहतर हैं।

इससे पहले, जनवरी में जारी विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.6 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया गया था। वहीं 2021 और 2022 में इसमें क्रमश: 7.3 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की संभावना जतायी गयी थी।

संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि भारत के लिये 2021 का वृद्धि परिदृश्य अभी ‘काफी नाजुक’ दिख रहा है। इसका कारण देश में कोविड-19 माहामारी का तेजी से फैलना है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफ्रीका में कई देशों, दक्षिण एशिया के साथ लातिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के लिये वृद्धि परिदृश्य कमजोर बना हुआ है। इन क्षेत्रों में महामारी अब भी बढ़ रही है।

इस बीच, भारत की घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.2 प्रतिशत कर दिया। जबकि पूर्व में इसके 10.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।

इस साल मार्च के बाद से रेटिंग एजेंसी ने 2021-22 के लिये जीडीपी वृद्धि अनुमान को चौथी बार संशोधित किया है।

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