विदेश की खबरें | पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ ‘सामान्य’ दोस्ताना संबंध चाहता है भारत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ ‘‘सामान्य’’ दोस्ताना संबंध चाहता है और यह जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है वह एक ‘‘अनुकूल माहौल’’ पैदा करे और अपने क्षेत्र का किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न होने दे।

संयुक्त राष्ट्र, 12 जून भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ ‘‘सामान्य’’ दोस्ताना संबंध चाहता है और यह जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है वह एक ‘‘अनुकूल माहौल’’ पैदा करे और अपने क्षेत्र का किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न होने दे।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर आर मधुसूदन ने यह टिप्पणी शुक्रवार को ‘2020 के लिए सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट’ पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कीं।

मधुसूदन ने महासभा में कहा, ‘‘भारत, पाकिस्तान समेत सभी देशों के साथ सामान्य दोस्ताना संबंध चाहता है। हमारा लगातार यह रुख रहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मसला है तो उसका हल द्विपक्षीय तथा शांतिपूर्ण रूप से निकाला जाना चाहिए और वो भी भय, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह जिम्मेदारी पाकिस्तान की है कि वह अपने क्षेत्र को किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न करने देकर विश्वसनीय, पुष्ट कार्रवाई करे और अनुकूल माहौल बनाए।’’ इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने अपनी टिप्पणियों में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था। जिस पर भारतीय अधिकारी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान लगातार ऐसी हरकतों में शामिल है जो इस मंच के लिहाज से शोभा नहीं देतीं।

मधुसूदन ने कहा, ‘‘यह साफ है कि यह प्रतिनिधिमंडल अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मूर्ख नहीं बना पाएगा।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यूएनजीए के मंच का दुरुपयोग करना चाहता है और उसने ‘‘एक बार फिर मेरे देश के आंतरिक मुद्दों को उठाया है।’’ उन्होंने कहा कि भारत की संसद द्वारा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख पर लिए गए फैसले ‘‘भारत के आंतरिक मामले’’ हैं।

भारत का अभी गैर-स्थायी सदस्य के तौर पर सुरक्षा परिषद का दो साल का कार्यकाल है। भारत ने कहा कि 15 देशों की परिषद के सदस्य के तौर पर वह अन्य निर्वाचित सदस्यों के साथ कामकाज के तरीकों में सुधार लाने के अपने प्रयास जारी रखेगा।

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