खेल की खबरें | भारतीय पुरुष रिकर्व टीम विश्व कप फाइनल में, ज्योति कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग के सेमीफाइनल में
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. भारत की पुरुष रिकर्व टीम ने यहां चल रहे तीरंदाजी विश्व कप चरण एक में गुरुवार को तीन जीत दर्ज करते हुए नौ साल में पहली बार फाइनल में जगह बनाई।
अंताल्या, 20 अप्रैल भारत की पुरुष रिकर्व टीम ने यहां चल रहे तीरंदाजी विश्व कप चरण एक में गुरुवार को तीन जीत दर्ज करते हुए नौ साल में पहली बार फाइनल में जगह बनाई।
अतनु दास, बी धीरज और तरूणदीप राय की तिकड़ी रविवार को स्वर्ण पदक के मुकाबले में चीन से भिड़ेगी। भारत अगर खिताब जीतता है तो यह विश्व कप की पुरुष रिकर्व टीम स्पर्धा में 13 साल के बाद उसका पहला स्वर्ण पदक होगा।
शीर्ष कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेनाम ने भी महिला व्यक्तिगत वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।
विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले स्कोर के साथ क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहने के बाद विश्व चैंपियनशिप की पूर्व रजत पदक विजेता ज्योति ने लगातार चार जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां शनिवार को उनका सामना इंग्लैंड की दुनिया की नंबर एक तीरंदाज ऐला गिब्सन से होगा।
इससे पहले चौथी वरीय टीम के रूप में क्वालीफाई करने के बाद भारत की पुरुष रिकर्व टीम को पहले दौर में बाई मिली। भारत ने इसके बाद 13वें वरीय जापान को कड़े मुकाबले में 5-4 से हराया। भारतीय टीम ने शूट ऑफ में 29-28 के स्कोर से जीत दर्ज की।
चार सेट के बाद दोनों टीम 4-4 (49-52, 57-52, 54-51, 52-57) से बराबर थी जिसके बाद भारतीय टीम ने टाईब्रेकर में दो परफेक्ट 10 और एक नौ अंक के साथ जीत दर्ज की।
भारतीय टीम ने इसके बाद दो आसान जीत दर्ज की। टीम ने 12वें वरीय चीनी ताइपे और नौवें वरीय नीदरलैंड को 6-2 के समान अंतर से हराया।
कांस्य पदक के प्ले ऑफ में नीदरलैंड की भिड़ंत स्लोवेनिया से होगी।
चीनी ताइपे के खिलाफ भारतीय तिकड़ी को अधिक परेशानी नहीं हुई। टीम ने 4-0 की बढ़त बनाने के बाद 6-2 (55-54, 57-54, 51-53, 58-56) से मुकाबला अपने नाम किया।
शीर्ष वरीय और मेजबान तुर्की (6-0) को एकतरफा मुकाबले में हराने के बाद नीदरलैंड की टीम आत्मविश्वास से भरी थी। नीदरलैंड ने भारत के खिलाफ पहले सेट जीतकर 2-0 की बढ़त बनाई लेकिन भारतीय तिकड़ी ने जोरदार वापसी करते हुए मुकाबला 6-2 (56-58, 57-53, 57-55, 56-54) से जीत लिया।
दास ने कहा, ‘‘हम यहां बिना किसी उम्मीद के आए थे। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन अब हम स्वर्ण पदक की उम्मीद कर रहे हैं।’’
करीब दो साल बाद वापसी करते हुए दास ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक लगता है। पिछला साल मेरा साल नहीं था लेकिन इस साल मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं।’’
भारत ने अंताल्या में ही 2008 में पहली बार विश्व कप में सफलता का स्वाद चखा था। जयंत तालुकदार, राहुल बनर्जी और मंगल सिंह चंपिया की टीम ने अपने मलेशियाई प्रतिद्वंद्वियों को 218-215 से हराकर विश्व कप में पहली बार रिकर्व पुरुष टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता।
तब से भारतीय पुरुषों की रिकर्व टीम ने विश्व कप में पांच स्वर्ण पदक जीते हैं।
दूसरी तरफ दुनिया की 11वें नंबर की खिलाड़ी ज्योति ने लगातार तीन मुकाबलों में संभावित 150 में से 145 अंक जुटाते हुए स्विट्जरलैंड की मरियम हेस्लर (137), अमेरिका की डेनेली लुट्ज (141) और मैक्सिको की हर्नांडिज जियोन (138) को हराया।
क्वार्टर फाइनल में ज्योति ने 12 परफेक्ट 10 के साथ 147 अंक जुटाते हुए डेनमार्क की टेजा गेलेनथीन को हराया जिन्होंने 142 अंक बनाए।
व्यक्तिगत वर्ग में सिर्फ ज्योति ही पदक की दौड़ में बची हैं। भारत के अन्य सभी तीरंदाज कंपाउंड पुरुष और महिला वर्ग से जल्दी बाहर हो गए।
ज्योति, अवनीत कौर और अदिति स्वामी की कंपाउंड टीम अपनी शीर्ष वरीयता पर खरी नहीं उतरी और पहले दौर में ही अमेरिका के खिलाफ 225-233 से हार गई।
छठी वरीय कंपाउंड पुरुष टीम को भी चीनी ताइपे के खिलाफ 234-236 से हार झेलनी पड़ी।
भजन कौर, अंकिता भकत और सिमरनजीत कौर की महिला रिकर्व टीम भी प्री क्वार्टर फाइनल में हार गई।
टीम ने पहले दौर में शूट ऑफ में ब्राजील को 5-4 (56-53, 50-55, 52-54, 52-52, 24-19) से हराया लेकिन दूसरे दौर में स्पेन से 2-6 (45-47, 56-51, 50-52, 53-55) से हार गई।
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