भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर अमेरिका में 5जी नेटवर्क के लिए अवसंरचना तैयार कर रहे

ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल ऐंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर हरीश कृष्णमूर्ति को उनकी परियोजना के लिए 17 लाख डॉलर का अनुदान दिया गया है।

ह्यूस्टन, 10 अप्रैल भारतीय अमेरिकी शिक्षक अमेरिका के 5जी अवसंरचना पर कार्य करने में सक्षम प्रणाली विकसित कर रहे हैं। उनकी इस परियोजना को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय वित्तपोषित कर रहा है।

ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल ऐंड कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर हरीश कृष्णमूर्ति को उनकी परियोजना के लिए 17 लाख डॉलर का अनुदान दिया गया है।

कृष्णमूर्ति मैसाच्युसेट्स की कंपनी न्यू एड्ज सिग्नल सॉल्यूशन ,जो उच्च गति वाले ब्राडबैंड रेडियो फ्रीक्वेंसी प्रणाली बनाती है के साथ परियोजना को पूरा करने के लिए साझेदारी कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 5जी बेतार संचार प्रौद्योगिकी की पांचवी पीढ़ी है। गति तेज होने के साथ 5जी अधिक बैंड और नेटवर्क क्षमता प्रदान करता हैं और इससे भविष्य में चालक रहित कार, आभासी बैठक और टेलीमेडिसीन के लिए उच्च क्षमता के उपकरणों को जोड़ा जा सकता है।

हालांकि, अमेरिका और अन्य जगहों पर 5जी नेटवर्क को चलाने और उपलब्ध प्रौद्योगिकी में अंतर है।

कृष्णमूर्ति ने कहा कि 5जी को सफलतापूर्वक अंगीकार करने के लिए उचित सॉफ्टवेयर की जरूरत है।

उन्होंने कहा, लेकिन हमें पहले हार्डवेयर की जरूरत है जो तेज होने के साथ 5जी नेटवर्क के अनुरूप होना चाहिए।

कृष्णमूर्ति ने उच्च क्षमता के 5जी आवरण ऊर्जा आपूर्ति प्रणाली विकसित करने में अपनी भूमिका की भी जानकारी दी जिसके तहत 100 मेगाहर्टज या उससे उच्च अधिक ब्रैंडविथ पर परिचालन हो सकता है।

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