जरुरी जानकारी | भारत वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार का स्तंभ होगा: गोयल

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कोलकाता, 29 सितंबर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार का स्तंभ होगा क्योंकि इसने स्थिर वृद्धि का प्रदर्शन किया और यह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से विकसित होते राष्ट्र के रूप में उभरा है।

बंगाल चैंबर की वार्षिक आम बैठक को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि अर्थव्यवस्था के सभी अंशधारक 'कर्तव्य भाव' के साथ मिलकर काम करते हैं, तो 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का राष्ट्रीय लक्ष्य वर्ष 2047 तक प्राप्त होगा। यह वह वर्ष होगा जब देश अपनी आजादी की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा, ‘‘भारत पहले से ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अपने विकास को तेज कर रहा है। प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण 2047 तक भारत को 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के आकार के साथ एक विकसित राष्ट्र बनाना है।’’

उन्होंने दावा किया कि कृषि, विनिर्माण और निर्माण जैसे सभी क्षेत्र काफी अच्छा कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा, ‘‘भारत स्थिरता का एक द्वीप है और वैश्विक पुनरुद्धार का स्तंभ होगा। हमारी अर्थव्यवस्था ने महामारी के दौरान अपनी जीजिविषा दिखाई है और विकास के एक स्थिर रास्ते पर अग्रसर है।’’

भारत को निवेश के लिए सबसे अच्छा गंतव्य बताते हुए गोयल ने कहा कि सरकार ने कई संरचनात्मक सुधार किए हैं, और कई सुधार होने वाले हैं।

मंत्री ने उद्योगपतियों से निजी निवेश का आग्रह किया और उन्हें भारत की विकास गाथा पर भरोसा करने और अपनी अधिक भागीदारी के साथ देश के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने को कहा।

गोयल ने मैकिंजी एंड कंपनी के सीईओ बॉब स्टर्नफेल्स की टिप्पणी का हवाला दिया - ‘यह भारत का दशक नहीं है, यह भारत की सदी है’ - जो देश को निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करता है।

उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक निर्यात में 2,000 अरब डॉलर का लक्ष्य रख रहा है, जो समान रूप से माल और सेवाओं में विभाजित है।

मंत्री ने उद्योगपतियों से अपील की कि वे भारत को विनिर्माण का वैश्विक आधार बनने में मदद करें और दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में निवेश करें।

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