भारत को हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए: प्रधानमंत्री ट्रूडो

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय नागरिक पर अभियोग के बाद हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के आरोपों को भारत को गंभीरता से लेना चाहिए.

Justin Trudeau

ओटावा, 30 नवंबर: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय नागरिक पर अभियोग के बाद हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के आरोपों को भारत को गंभीरता से लेना चाहिए. ट्रूडो ने बुधवार को कहा कि ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में 18 जून को निज्जर की हत्या में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोपों पर कनाडा के अधिकारी अगस्त से अमेरिका के अपने समकक्षों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.

भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ बताकर खारिज कर दिया है. अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि अमेरिका में एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश के आरोपी भारतीय नागरिक ने इस आश्वासन के बाद साजिश में शामिल होना स्वीकार किया कि गुजरात में उसके खिलाफ चल रहा एक आपराधिक मामला खारिज कर दिया जाएगा.

अमेरिका की एक अदालत में बुधवार को सामने आये अभियोजन पक्ष के आरोपपत्र के अनुसार निखिल गुप्ता (52) पर न्यूयॉर्क शहर में एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की नाकाम साजिश में संलिप्त रहने का आरोप है. ‘कैनेडियन प्रेस’ ने ट्रूडो के हवाले से अपनी खबर में कहा, ‘‘अमेरिका से आ रही खबरें इस बात को और रेखांकित करती हैं कि भारत को कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए.’’ न्यूयॉर्क में अमेरिकी जिला न्यायालय में बुधवार को अभियोग में यह खुलासा नहीं किया गया है कि किस अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची गई थी.

‘फाइनेंशियल टाइम्स’ अखबार ने हालांकि अज्ञात सूत्रों के हवाले से पिछले सप्ताह खबर जारी की थी कि अमेरिकी अधिकारियों ने प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया था और इस साजिश में भारत सरकार के शामिल होने की आशंकाओं को लेकर उसे चेतावनी दी थी. ट्रूडो ने कहा, ‘‘यह कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे कोई भी हल्के में ले सकता है. हमारी जिम्मेदारी कनाडा के लोगों को सुरक्षित रखना है और हम ऐसा करते रहेंगे.’’ कनाडा के आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओटावा के साथ मुख्य मुद्दा उस देश में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियां है.

बागची ने कहा, ‘‘जहां तक कनाडा की बात है, हमने कहा है कि उन्होंने सतत रूप से भारत विरोधी चरमपंथियों को और हिंसा को जगह दी है और मुख्य मुद्दा दरअसल यही है. कनाडा में हमारे राजनयिक प्रतिनिधियों ने इसके दंश को झेला है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कनाडा की सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह राजनयिक संबंधों पर विएना समझौते के तहत वचनबद्धताओं का पालन करे. हमने अपने आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप को भी देखा है.’’ उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर यह अस्वीकार्य है.

भारतीय नागरिक के अभियोग पर प्रतिक्रिया देते हुए, कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी अभियोग के बाद इस बात की ‘‘पुष्टि होती है कि कनाडा इन खतरों से निपटने में अकेला नहीं है.’’ लेब्लांक ने कहा, ‘‘कनाडा की सरकार, ‘रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस’ और खुफिया सेवा जैसी एजेंसियां कनाडा के लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करती हैं, लेकिन उन लोगों को भी जवाबदेह ठहराती हैं जिन्होंने कनाडा में एक कनाडाई नागरिक की हत्या कर दी.’’

कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि वह अमेरिका में हुए घटनाक्रम पर टिप्पणी नहीं करेंगी. उन्होंने हालांकि कहा कि कनाडा सरकार अपने उन ‘‘विश्वसनीय आरोपों’’ पर कायम है कि कनाडा में कनाडा के एक नागरिक की हत्या हुई थी. उन्होंने भारत से निज्जर की हत्या मामले को लेकर कनाडा की जांच में शामिल होने का भी आग्रह किया. जोली ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन समेत अमेरिकी सहयोगियों के साथ इस मुद्दे पर कई बार बातचीत की है. उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, हम भारत से इस मामले की जांच में शामिल होने का आह्वान करते हैं, और मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि वे ऐसा करें.’’

जोली ने निज्जर की हत्या की जांच के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा, ‘‘मैं आपको हमारी जांच का असर बता सकती हूं और यह भी बता सकती हूं कि अमेरिका में क्या चल रहा है. मैंने इसी मुद्दे पर अपने भारतीय समकक्ष से बातचीत की है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए उनसे सहयोग का आह्वान करते हैं कि हमारी जांच आगे बढ़ सके.’’

उन्होंने कहा कि कनाडा के 41 राजनयिकों की राजनयिक छूट वापस लेने संबंधी भारत का निर्णय "पूरी तरह से अस्वीकार्य है.’’ भारत ने देश से 41 कनाडाई राजनयिकों की वापसी को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में ‘‘चित्रित’’ करने के कनाडा के प्रयास को खारिज कर दिया और कहा कि दो-तरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना राजनयिक संबंधों पर विएना संधि के प्रावधानों के साथ पूरी तरह से सुसंगत है.

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