पेरिस, 28 जुलाई: खेल प्रशासक और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की सदस्य नीता अंबानी ने कहा है कि तोक्यो ओलंपिक में भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद देश पेरिस में दोहरे अंक में पदक जीतने के लिए तैयार है. ला विलेट में ‘इंडिया हाउस’ के उद्घाटन के मौके पर ‘पीटीआई’ से विशेष बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि वह दिन अब ‘दूर नहीं’ है जब भारत ओलंपिक की मेजबानी करेगा. यह भी पढ़ें: Olympic 2036 in India: भारत कर सकता है ओलंपिक 2036 की मेजबानी, नीता अंबानी ने कहा- हम इसके बेहद करीब
पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए भारत की दावेदारी की इच्छा की घोषणा की थी और देश के एक अरब 40 करोड़ लोगों के सपने को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ने का संकल्प लिया था.
नीता ने कहा, ‘‘हम बहुत अच्छा प्रदर्शन करने जा रहे हैं. हमारे खिलाड़ियों में से 47 प्रतिशत लड़कियां हैं. यह सब महिला शक्ति और हमारे युवा लड़के-लड़कियों के लिए है, हम उनका उत्साहवर्धन कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि हम पहली बार पदक की संख्या को दोहरे अंक में देख पाएंगे। आगे बढ़ो भारत, भारत को गौरवांवित करो.’’
पेरिस ओलंपिक के शानदार उद्घाटन समारोह के पूरी दुनिया का ध्यान खींचने के एक दिन बाद ओलंपिक में पहले कंट्री हाउस ‘इंडिया हाउस’ का उद्घाटन हुआ जिसमें भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह और आईओसी के अधिकारी और प्रशासक भी शामिल हुए.
नीता ने कहा, ‘‘भारत आ गया है. अब समय आ गया है कि एथेंस में पहली बार जलाई गई ज्योति हमारी प्राचीन भूमि भारत के आकाश को रोशन करे. वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी करेगा.इंडिया हाउस के उद्घाटन पर यह हमारा सामूहिक संकल्प होना चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का अपना घर है. यह एक ऐसी जगह है जहा हम अपने खिलाड़ियों का सम्मान करेंगे, उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे और उन्हें शुभकामनाएं देंगे.’’
यह विचार उनके दिमाग में कैसे आया यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं ब्राजील, कोरिया में शीतकालीन ओलंपिक और फिर तोक्यो गई थी तो हमारे पास इंडिया हाउस नहीं था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि एक करोड 40 लाख की जनसंख्या वाले भारत को अपना खुद का घर चाहिए. इसलिए मैंने ओलंपिक में अपने खिलाड़ियों और सभी को यह दिखाने के लिए एक इंडिया हाउस बनाने के बारे में सोचना शुरू किया कि भारत की भावना वास्तव में क्या है.’’
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