नयी दिल्ली, आठ अगस्त वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि दुनिया को आज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में ऐसे भरोसेमंद भागीदारों की जरूरत है, जहां लोकतंत्र और कानून का शासन हो तथा पारदर्शिता बरती जाती हो। भारत इन कसौटियों को पूरा करते हुए इस मामले में एक महत्वपूर्ण भागीदार की भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत को बड़े पैमाने पर विनिर्माण की बचत और ऊंची उत्पादकता के साथ दुनिया के सामने प्रतिस्पर्धी मूल्य पर अच्छे उत्पाद के साथ खड़ा होना है। लेकिन इसमें सरकारी सब्सिडी की बैसाखी का सहारा नहीं होना चाहिए।
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उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में कहा, ‘‘दुनिया को भरोसेमंद भागीदार की तलाश है, जहां काननू का शासन हो, जिनकी प्रणाली पारदर्शी हो, जहां अदालत में अपील की व्यवस्था हो, जहां जीवंत मीडिया, मजबूत न्यायपालिका और लोकतांत्रिक परंपरा हो।’’
उन्होंने कहा कि भारत इन सब बातों को पूरा करता है और विश्व आपूर्ति श्रृंखला का एक विश्वसनीय भागीदार हो सकता है।
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कोविड-19 से प्रभावित देश के निर्यात क्षेत्र के काम के बारे में उन्होंने कहा कि बाहर भेजी जा रही खेप के आंकड़ों से स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के संकेत मिल रहे है। निर्यात पिछले महीने पिछले साल जुलाई के 91 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में अगस्त के दस दिन में निर्यात का स्तर पिछले साल इसी समय के 95 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। जुलाई के आखिरी दस दिनों का निर्यात एक साल पहले की तुलना में दस प्रतिशत बढ़ा था।’’
गोयल ने कहा कि यह बात उन विश्लेषकों के कान में झंकार पैदा करेगी जो इस बात को लेकर परेशान हैं कि हालात में सुधार का रास्ता अंग्रेजी के वी अक्षर (बहुत शीघ्रता के साथ) जैसा होगा या यू अक्षर के आकार (विलंबित) का होगा।
लेकिन उन्होंने आगाह किया कि हमें छोटी अवधि की इन उपलब्धियों पर इठलाने की जरूरत नहीं है, इसको मजबूती से स्थापित करने के लिए बड़ी मेहनत की जरूरत है।
गोयल ने यह भी बताया कि पिछले 11 दिन में भारतीय रेल ने एक साल पहले की तुलना में दो गुना गति से मालगाड़ियां चलाई है। यह गति 23 किलो मीटर प्रति घंटा से बढ़ कर 46 किलो मीटर रही। इस दौरान रेलवे ने एक साल पहले की तुलना में चार प्रतिशत अधिक माल ढोया है।
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