देश की खबरें | जांच बढ़ाएं, कोविड अनुकूल आचरण सुनिश्चित करें : केंद्र ने राज्यों से कहा
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नयी दिल्ली, 27 मार्च केंद्र ने शनिवार को उन 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जांच की संख्या महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने और कोविड अनुकूल आचरण सुनिश्चित करने के लिये सख्त परामर्श जारी किया जहां कोविड-19 के मामलों में इजाफा देखने को मिला है।
मंत्रालय ने कहा कि एक संक्रमित व्यक्ति बिना पाबंदी के 30 दिन की अवधि में औसतन 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
सरकार ने कहा कि मई 2020 के बाद से कोविड-19 संक्रमण और उससे होने वाली मृत्यु के साप्ताहिक मामलों में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई है। सरकार ने कहा कि ज्यादा ध्यान उन 46 जिलों में है, जहां से इस महीने संक्रमण के कुल मामलों का 71 प्रतिशत और इनसे होने वाली मौत के मामले में 69 प्रतिशत मामले सामने आए।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “महाराष्ट्र के कुल 36 जिलों में से 25 सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और यहां से देश में बीते एक हफ्ते में सामने आए कुल मामलों में से 59.8 प्रतिशत मिले हैं।”
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में 12 राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) और कोविड-19 के सर्वाधिक मामलों और मृत्यु से जुड़े 46 जिलों के निगम आयुक्तों व जिलाधिकारियों की एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई।
ये 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और बिहार हैं।
बयान के मुताबिक, बैठक में इन राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रभावित जिलों का विश्लेषण और कुछ अहम सांख्यिकीय आंकड़े पेश किये गए।
इनके मुताबिक कोविड-19 से होने वाली मौत के मामलों में लगभग 90 प्रतिशत मामले 45 साल ये ज्यादा आयुवर्ग वालों के हैं। अध्ययन के नतीजों में रेखांकित किया गया कि 90 प्रतिशत लोगों को जहां इस बीमारी के बारे में जानकारी है, वहीं मास्क वास्तव में सिर्फ 44 प्रतिशत लोग ही लगाते हैं।
मंत्रालय ने कहा, “एक संक्रमित व्यक्ति रोकटोक नहीं होने पर 30 दिनों की अवधि में 406 और लोगों को संक्रमित कर सकता है जबकि भौतिक संपर्क को अगर घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया जाए तो यह आंकड़ा घटकर 15 लोगों का हो जाएगा जबकि भौतिक संपर्क में अगर 75 प्रतिशत तक कमी कर दी जाए तो पीड़ित के संपर्क में आने पर संक्रमित होने वालों की संख्या 2.5 (औसतन) रह जाएगी।”
यह भी रेखांकित किया गया कि ‘दूसरी लहर’ की परिकल्पना दरअसल कोविड-19 अनुकूल आचरण और जमीनी स्तर पर विषाणु की रोकथाम व प्रबंधन रणनीति को लेकर लोगों की लापरवाही से ज्यादा परिलक्षित हो रही है।
केंद्र ने राज्यों से कहा कि ऐसे में प्रभावी निषेध और संपर्क में आए लोगों की तलाश समेत 46 दिनों में कम से कम 14 दिनों तक सख्त कार्रवाई की सिफारिश की जाती है, जिससे संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला टूटे और पिछले साल सामूहिक प्रयास से हासिल किये गए फायदे को “जाया न जाने दिया जाए”।
केंद्र ने कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम व प्रबंधन के संदर्भ में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिये पांच स्तरीय रणनीति बनाई है।
राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड-19 जांच की संख्या में व्यापक इजाफा करने को कहा गया है। इनमें से 70 प्रतिशत जांच आरटीपीसीआर से करने की कोशिश की जाए।
राज्यों से प्रभावी पृथकवास और संपर्क में आए लोगों की पहचान के लिये प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है।
मंत्रालय ने कहा कि शुरुआती 72 घंटों के अंदर पीड़ित के संपर्क में आए औसतन 30 करीबी लोगों की पहचान की जाए और जांच कर उन्हें पृथकवास में भेजा जाए।
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने प्रभावी रोकथाम के लिये सूक्ष्म निषेध क्षेत्रों पर ध्यान देने को रेखांकित किया।
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