चंडीगढ़, 24 अक्टूबर: पंजाब में अब तक पराली जलाने की 1,638 घटनाएं सामने आई हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में दर्ज की गयी ऐसी घटनाओं की तुलना में 16 प्रतिशत कम है. पिछले साल राज्य में 23 अक्टूबर तक पराली जलाने की 1946 घटनाएं हुई थीं. पंजाब के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा,‘‘पराली जलाने की घटनाओं में कमी पंजाब सरकार और कृषक समुदाय के ठोस प्रयासों का प्रमाण है.’’ उन्होंने कहा कि सीआरएम (अवशेष प्रबंधन) मशीनों की व्यवस्था और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति समेत सरकार की पहल के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि इस वर्ष किसानों को 13,616 फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें आपूर्ति की गई हैं, जिससे 2018 से अब तक कुल 1.43 लाख मशीनें आपूर्ति की जा चुकी हैं. खुड्डियां ने एक बयान में कहा, ‘‘पराली जलाने पर रोक लगाने और किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार ने 8,000 से अधिक नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं.’’
अक्टूबर और नवंबर में धान की फसल की कटाई के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए अक्सर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)