नयी दिल्ली, नौ दिसंबर राज्यसभा में शुक्रवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक सदस्य ने राष्ट्रीय न्यायिक आयोग गठित करने के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक पेश किया जिसका आम आदमी पार्टी ने यह कहते हुए विरोध किया कि संसद को ऐसा कानून नहीं बनाना चाहिए जिसे न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया जाए।
शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज के दौरान माकपा के विकास रंजन भट्टाचार्य ने राष्ट्रीय न्यायिक आयोग विधेयक पेश किया। इसमें उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों तथा उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए एक राष्ट्रीय न्यायिक आयोग गठित करने का प्रावधान किया गया।
आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा ने इस विधेयक को पेश किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व में इस संबंध में संसद द्वारा पारित एक कानून को पहले ही सर्वोच्च न्यायालय खारिज कर चुका है। उन्होंने कहा कि सदन में ऐसा कानून पेश नहीं करना चाहिए जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़ा हो।
उच्च सदन में भट्टाचार्य ने एक संविधान संशोधन विधेयक भी पेश किया।
समाजवार्दी पार्टी के जावेद अली खान ने राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता आंदोलन के अन्य प्रतीकों के प्रति अपमान का निवारण विधेयक पेश किया। इसमें राष्ट्रपिता एवं स्वतंत्रता आंदोलन के अन्य प्रतीकों के अपमान को रोकने के लिए समुचित प्रावधान किए गए हैं।
उच्च सदन में आज विभिन्न दलों के सदस्यों ने कुल 31 निजी विधेयक पेश किए।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)